उत्तर प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियों से उत्साहित है। उसे लगता है कि इसके बल पर वह विपक्ष को न केवल जवाब देगी, बल्कि उनके जातिवादी मंसूबों को भी विफल करेगी। कुछ दिनों के बाद ही राज्य की जनता भी इस फर्क का अनुभव करने लगेगी। योगी सरकार गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के लिए समर्पित है। जातिवाद और परिवारवाद की समर्थक पार्टियों के गठजोड़ की असलियत जल्दी ही सामने आ जाएगी।
इसमें संदेह नहीं कि दो उपचुनाव की जीत ने उत्तर प्रदेश में विपक्ष का मनोबल बढाया था। लेकिन, यह माहौल कुछ दिन ही कायम रहा। योगी सरकार ने अपनी एक वर्ष की उपलब्धियों से एक बार फिर राजनीति की दिशा बदली है। अपनी उपलब्धियों के माध्यम से योगी आदित्यनाथ ने सपा और बसपा सरकार की जातिवादी, परिवारवादी और भ्रष्ट व्यवस्था को भी उजागर किया है। एक वर्ष की उपलब्धियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को जवाब दिया। इस अवधि में उनकी सरकार ने अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया।
वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की मुलाकात भी सकारात्मक रही। शाह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ बढ़िया कार्य कर रहे हैं तथा सपा-बसपा गठजोड़ के मुकाबले के लिए अलग रणनीति बनाई जाएगी। इसी के साथ सभी अटकलें समाप्त हो गई। सरकार के संवैधानिक मुखिया राज्यपाल राम नाईक ने भी कहा कि योगी सरकार अच्छा कार्य कर रही है और वह प्रदेश को सर्वोत्तम बनाने की दिशा में अग्रसर है।
कुछ लोग मान रहे थे कि इस बार एक वर्ष की उपलब्धियों का समारोह फीका रहेगा। लेकिन, उपलब्धियाँ सरकार का मनोबल बढ़ाने वाली हैं। उसी के अनुरूप समारोह आयोजित किया गया। इसमें राज्यपाल राम नाईक, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनका उत्साह उजागर हुआ। बुन्देलखण्ड का भक्ति नृत्य, वृन्दावन की होली, मयूर नृत्य आदि ने वहां मौजूद लोगों का मन मोह लिया। इस आयोजन के माध्यम से सरकार ने यह सन्देश दिया कि वह फूलपुर और गोरखपुर की पराजय से आगे निकल चुकी है। अब उपलब्धियों के माध्यम से वह विपक्ष को जवाब देगी।
योगी आदित्यनाथ ने समारोह में ही इसकी शुरुआत भी कर दी। उनके भाषण को तीन हिस्सों में बांटकर देखा जा सकता है। पहले हिस्से में उन्होंने पिछली सरकार पर हमला बोला। आरोप लगाया कि वह विकास और गरीब विरोधी थी। दूसरे हिस्से में उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां बयान कीं। यह दावा किया कि एक वर्ष में प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। इसको ‘एक साल नई मिसाल’ नाम दिया गया है। इस क्रम में एन्टी करप्शन पोर्टल भी जारी किया गया। तीसरे हिस्से में उन्होंने भविष्य की योजनाओं का उल्लेख किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें बदहाल प्रदेश विरासत में मिला। कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल था। फिजूलखर्ची चल रही थी। वित्तीय एजेंसी कर्ज देने को तैयार नहीं थी। फिर भी उनकी सरकार ने बिना किसी सहायता के किसानों का कर्ज माफी किया। गन्ना किसानों का भुगतान किया गया। यूपी देश का पहला राज्य है, जहाँ कुछ ही महीने में अस्सी हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में भेजे गए हैं। पिछली सरकार के समय जातिवाद और भ्रष्टाचार था। भर्तियों में जम कर जातिवाद चलता था। योगी सरकार ने इसपर लगाम लगाईं है।
एक वर्ष में ग्यारह लाख लोगों को आवास दिए गए। गरीब कन्याओं के विवाह हेतु पैंतीस हजार रुपये देने की शुरुआत हुई। शहरी क्षेत्र में चार लाख शौचालय बनाये गए। चार लाख किसानों की कर्ज माफी इतनी सफलता के साथ कहीं नहीं की गई, जैसे योगी सरकार ने किया। इसके लिए जनता पर कोई भार भी नहीं डाला गया।
यूपी बोर्ड में नकल विहीन परीक्षा कराना सपना था, लेकिन योगी सरकार ने इसे साकार किया। बारह लाख छात्रों ने बोर्ड परीक्षा छोड़ी। जांच से पता चला कि इनमे पचहत्तर प्रतिशत छात्र उत्तर प्रदेश के बाहर के थे। ये मुन्ना भाई थे। प्रायमरी स्कूल के बच्चों को स्वेटर, ड्रेस, जुता-मोजा दिया गया। तीस लाख फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए। इससे अधिक ऐसे लोगों को राशन कार्ड दिए गए, जिनके पास कार्ड नहीं था। पैंतीस हजार करोड़ रुपये का घोटाला केवल पारदर्शी वितरण से रोका गया। इकहत्तर जिले बिजली वितरण में भेदभाव झेलते थे। इसे समाप्त किया गया। समान और न्यायपूर्ण वितरण के आदेश दिए गए।
इन्वेस्टर्स समिट को अनुमान से अधिक सफलता मिली। इसके माध्यम से यूपी में निवेश का आंकड़ा पांच लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने जा रहा है। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि योगी आदित्यनाथ ने इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी स्वयं संभाली है। इसके लिए अनुकूल माहौल बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के तहत सिंगल विंडो क्लियरेंस विभाग की स्थापना भी कर दी गई है। ‘मेक इन इंडिया’ का लाभ लेने के लिए ‘मेक इन उत्तर प्रदेश’ विभाग की स्थापना की गई। औद्योगिक पार्कों, क्लस्टर, एग्रो पार्क की स्थापना की जा रही है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान’ लागू किया गया। ‘निवेश मित्र’ सिंगल विंडो वेब पोर्टल का लोकार्पण हो चुका है। इससे सभी विभागों का ऑनलाइन इंटीग्रेशन होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा। यह देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेस वे होगी।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र को औद्योगिक एवं आर्थिक विकास से जोड़ने के लिए बुन्देलखण्ड लिंक एक्सप्रेस लिंक वे बनाई जाएगी। दिल्ली, मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और अमृतसर-दिल्ली-कलकत्ता इंडस्ट्रियल परियोजना के उत्तर प्रदेश के हिस्से में तेजी से कार्य होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी आदि का कार्य भी प्रगति पर है। गांवों को भी विकास से जोड़ा गया। प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण पेयजल योजना, मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना और दिव्यांग सशक्तिकरण के कई कार्यक्रम शुरू किए गए। बत्तीस लाख परिवारों को बिजली के कनेक्शन दिए गए।
इसी प्रकार पिछड़ा वर्ग कल्याण के अनेक कार्यकम तेजी से लागू किये गए। सबका साथ सबका विकास के अनुरूप अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाएं लागू की गई। डेढ़ गुना अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई । बच्चो के पोषण और प्रतिभा के सम्मान की ओर ध्यान दिया गया। कर प्रक्रिया को सरल बनाया गया। इससे राजस्व में वृद्धि हुई है।
सड़क निर्माण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। एक लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़के गढ्ढा मुक्त की गईं। एक हजार किलोमीटर की एक सौ दस सड़क परियोजनाओं को पूरा किया गया। छियासी दीर्घ सेतु का निर्माण प्रगति पर है। इसके लिए नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। पुरातन चिकित्सा पद्धति की पुनर्स्थापना की गई। सतत विकास के लिए सौर ऊर्जा की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं।
जाहिर है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियों से उत्साहित है। उसे लगता है कि इसके बल पर वह विपक्ष को न केवल जवाब देगी, बल्कि उनके जातिवादी मंसूबों को भी विफल करेगी। कुछ दिनों के बाद ही राज्य की जनता भी इस फर्क का अनुभव करने लगेगी। योगी सरकार गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के लिए समर्पित है। जातिवाद और परिवारवाद की समर्थक पार्टियों के गठजोड़ की असलियत जल्दी ही सामने आ जाएगी।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)