चाहे ऑपरेशन गंगा हो, ऑपरेशन कावेरी हो, ऑपरेशन देवी शक्ति हो, वंदे भारत मिशन हो, ऑपरेशन संकटमोचन हो, ऑपरेशन राहत हो, ऑपरेशन मैत्री हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हर भारतीय की सुरक्षा को गंभीरता से लिया है और इसका ही नतीजा है कि देश और विदेश में रहने वाले भारतीयों को लगता है कि मोदी है तो भरोसा है और मोदी है तो मुमकिन है।
दुनिया के किसी भी कोने में अगर किसी भी भारतीय पर कोई संकट आया तो, उसे अब इस बात का विश्वास है कि वर्तमान की भारत सरकार उसके साथ खड़ी है और यह विश्वास ऐसे ही नहीं बना। जब-जब विदेशों में भारतीयों पर किसी भी प्रकार का संकट आया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देवदूत बनकर उनकी मदद की। इससे विदेशों में रहने वाले भारतीयों का भरोसा और मजबूत होता गया और हाल ही में इसकी झलक गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में देखने को मिल रही है।
ऐसा इसलिए ही संभव हुआ क्योंकि देश के प्रधानमंत्री हिंदुस्तान को तो अपना परिवार मानते ही हैं, साथ ही दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले भारतीय भी उनके परिवार का ही हिस्सा हैं। बात नीयत की है, पहले की सरकार ने देश के बाहर रहने वाले भारतीयों को अपना समझा ही नहीं, तो मदद का सवाल तो दूर की बात है।
गौरतलब है कि गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की गई। ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को सूडान से सऊदी के शहर जेद्दाह होते हुए भारत लाया जा रहा है। सूडानी आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच 72 घंटे का सीजफायर बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद भारत ने फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए।
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान सूडान से जेद्दाह के लिए उड़ान भर रहा है और अब तक भारतीयों के 11 जत्थे सूडान से सुरक्षित जेद्दाह पहुंच चुके हैं। सूडान से जेद्दाह पहुंच रहे भारतीयों के स्वागत के लिए खुद केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन जेद्दाह में मौजूद हैं। देश वापस लौटे भारतीय मोदी सरकार का आभार जता रहे हैं, भारत लौटीं एक बुजुर्ग महिला ने भावुक शब्दों में कहा, “भारत महान देश है, प्रधानमंत्री मोदी हजार साल जिएं।” यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक-एक भारतीय की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं।
ज्ञातव्य हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्धग्रस्त सूडान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी और इसमें उन्होंने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए आपातकालीन तैयारी के निर्देश भी दिए थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के संबंध में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और मिस्र के अपने समकक्षों से बात की थी। सूडान में सेना प्रमुख अब्देल फतह अल बुरहान और उनके डिप्टी तथा पैरामिलिट्री फोर्स रैपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया कमांडर मोहम्मद हमदान दागलो के बीच जंग छिड़ी हुई है। इस लड़ाई में अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं।
सूडान संकट तो हाल की घटना है, इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। संघर्ष और चुनौतियों के बीच 22,500 लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया। इसके आलावा कोरोना महामारी, अफगानिस्तान संकट समेत ऐसे कितने ही मौके आए, जब विदेश में रह रहे भारतीयों के लिए मोदी सरकार संकटमोचक के रूप में सामने आई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार कई देशों में इसी तरह के अभियान चलाकर विपत्ति में फंसे भारतीय लोगों की मदद कर चुकी है। सऊदी अरब, मोजांबिक, इंडोनेशिया में ‘समुद्र मैत्री’, यमन संकट आदि के दौरान युद्धस्तर पर अभियान चलाकर भारत सरकार ने भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
चाहे ऑपरेशन गंगा हो, ऑपरेशन कावेरी हो, ऑपरेशन देवी शक्ति हो, वंदे भारत मिशन हो, ऑपरेशन संकटमोचन हो, ऑपरेशन राहत हो, ऑपरेशन मैत्री हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हर भारतीय की सुरक्षा को गंभीरता से लिया है और इसका ही नतीजा है कि देश और विदेश में रहने वाले भारतीयों को लगता है कि मोदी है तो भरोसा है और मोदी है तो मुमकिन है।
(प्रस्तुत विचार लेखक के निजी हैं।)