पंजाब सरकार ने ऐसे 5.63 लाख किसानों की सूची जारी की है, जिनको कर्जमाफी दी जाएगी। हालाँकि पिछले साल 10 लाख किसानों की कर्जमाफी की बात कही गई थी। विपक्षी दल इसे किसानों के साथ बड़े धोखे का नाम दे रहे हैं। मोगा जिले में एक किसान बलविंदर सिंह का तो मात्र 7 रूपये कर्ज माफ़ किया गया। हजारों किसान सरकारी लिस्ट से बाहर हो गए हैं, जिनके सर पर 2 लाख या उससे कम कर्ज था। ऐसे में किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं।
पंजाब में लगभग एक साल के अन्दर 400 किसानों ने ख़ुदकुशी कर ली, वहीं कांग्रेस सरकार वोट की खेती करती रही। चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सारे किसानों के कर्ज माफ़ किये जाएँगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अब सरकार ने इस वादे में काफी झोल पैदा कर दिया है। हमारे पंजाबी किसान कुछ ज्यादा ही दिलदार हैं, जो इन बेरहम नेताओं पर भरोसा कर ख़ुदकुशी कर लेते हैं। बीते साल पंजाब में कांग्रेस सरकार बनी, लेकिन कर्जमाफी के वादे के बाद भी 400 किसानों ने खुदखुशी कर ली। आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने अब सरकार पर हमले बोलने शुरू कर दिए हैं।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के 2 लाख तक कर्ज माफ़ करने का वादा पूरी तरह से धोखा है। मानसा जिले में हुए राज्य स्तरीय प्रोग्राम में किसानों के 160 करोड़ के क़र्ज़ माफ़ी की बात कही गई, लेकिन बहुत से किसानों के 10-20 रूपये तो किसी के 10000 रूपये तक ही माफ़ किये गए।
हुआ यह कि जिन किसानों को हकीकत में कर्ज माफी की जरूरत थी, उनके नाम तक कर्जमाफी की लिस्ट से गायब थे। सुखबीर बादल ने कहा, “पंजाब में किसानों की कर्जमाफी एक स्कैम बन गया है, इसकी जांच होनी चाहिए”। अकाली-भाजपा सरकार ने किसानों के ट्यूबवेल बिलों के रूप में 6000 करोड़ रुपए हर साल माफ़ किये थे।
जिलों में तहसीलों में फाइल बनाकर रूटीन के तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जाती हैं और उनके कर्तव्यों की इतिश्री हो जाती है। पंजाब में कांग्रेस ने चुनाव से पहले वादा किया था कि किसानों के कर्ज माफ़ किये जाएंगे, लेकिन अब जिन किसानों के नाम कर्जमाफी की लिस्ट में नहीं हैं, वह ख़ुदकुशी कर रहे हैं। ऐसे में, ख़ुदकुशी करने वाले किसानों की तादाद बढ़ती जा रही है। तिसपर यह कि पंजाब में ऐसे किसानों को कर्जमाफी मिलेगी, जिनके ऊपर दो लाख का कर्ज हैं और जिनके पास दो एकड़ जमीन है।
पंजाब सरकार ने ऐसे 5.63 लाख किसानों की सूची जारी की है, जिनको कर्जमाफी दी जाएगी। हालाँकि पिछले साल 10 लाख किसानों की कर्जमाफी की बात कही गई थी। विपक्षी दल इसे किसानों के साथ बड़े धोखे का नाम दे रहे हैं। मोगा जिले में एक किसान बलविंदर सिंह का तो मात्र 7 रूपये कर्ज माफ़ किया गया है। हजारों किसान सरकारी लिस्ट से बाहर हो गए हैं, जिनके सर पर 2 लाख या उससे कम कर्ज था। ऐसे किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं। गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सहकारी बैंकों, राष्ट्रीय बैंकों और आढ़तियों का किसानों के ऊपर 90 हजार करोड़ का कर्ज है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)