नोटबन्दी, जीएसटी जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ है, के बाद भी प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में कोई कमी नही आई है। बल्कि लोगों का सरकार में और भारतीय लोकतंत्र में विश्वास बढ़ा है। प्यू ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट यही सिद्ध करती है। यदि सूक्ष्म स्तर पर भी देखें तो अलग-अलग क्षेत्रों में क्रियान्वयन के मामले में मोदी सरकार पर लोगो का भरोसा कांग्रेस की अपेक्षा कई गुना ज्यादा है। यह साफ ज़ाहिर करता है कि देश मे इस वक़्त भी मोदी लहर का असर है।
अमेरिकी थिंक टैंक ‘प्यू’ (PEW) ग्लोबल रिसर्च ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में भारत में स्थापित भाजपा-शासित केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कुछ नए और दिलचस्प आँकड़े सामने रखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 85 प्रतिशत भारतीयों को अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है और 79 प्रतिशत भारतीय वर्तमान समय मे भारतीय लोकतंत्र से संतुष्ट हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बाद यानी कि मोदी सरकार के केंद्र में आने के एक साल बाद से देश के उत्तरी हिस्से में मोदी की लोकप्रियता में कोई बदलाव नहीं हुआ है, पश्चिमी-दक्षिणी हिस्से में लोकप्रियता बढ़ी है जबकि पूर्वी हिस्से में उसमें मामूली सी कमी आई है।
थिंक टैंक के हवाले से प्राप्त इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि प्रधानमंत्री मोदी 88% वोट के साथ सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी से 30 प्रतिशत, सोनिया गांधी को 31 प्रतिशत और केजरीवाल को 49 प्रतिशत कम वोट प्राप्त हुए हैं। यह सर्वेक्षण जो इस वर्ष 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच करवाया गया था, में अलग-अलग राज्यों के 2464 भारतीयों ने भाग लिया था। एक चौंकाने वाली बात यह है कि इस सर्वे में यह सामने आया कि दक्षिण भारत में 10 में से 7 लोग मोदी को पसंद करते है। साथ ही, पश्चिमी राज्यों में एवं मध्य राज्य में भी प्रधानमंत्री बेहद लोकप्रिय हैं। सर्वे के अनुसार 10 में से 7 भारतीय देश की मौजूदा हालात से खुश हैं।
कुल मिलाकर यदि इस रिपोर्ट का आकलन किया जाए तो यह साफ पता चलता है कि नोटबन्दी, जीएसटी जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ है, के बाद भी प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में कोई कमी नही आई है। बल्कि लोगों का सरकार में और भारतीय लोकतंत्र में विश्वास बढ़ा है। यदि सूक्ष्म स्तर पर भी देखें तो अलग-अलग क्षेत्रों में क्रियान्वयन के मामले में मोदी सरकार पर लोगो का भरोसा कांग्रेस की अपेक्षा कहीं गुना ज्यादा है। यह साफ ज़ाहिर करता है कि देश मे इस वक़्त भी मोदी लहर का असर है।
हालाँकि इस रिपोर्ट के आने के बाद यह बात भी तेजी से गर्मायी कि भाजपा इसका फायदा ले रही है, क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे ट्वीट किया था। लेकिन, यह एक अमेरिकी रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट है जो कई स्वतंत्र शोध कर चुकी है, इसलिए इसकी वैधता पर किसी ने सवाल नही उठाये। वरना इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी विरोधियों द्वारा सवाल उठाने में देर नहीं की जाती।
इस रिपोर्ट के सामने आने से विरोधियों का डर, विशेषकर कांग्रेस का डर सच होते दिख रहा है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बीच इस रिपोर्ट का आना सियासी घटनाक्रम को बदलने का दम भी रखता है। कांग्रेस के सभी दांव-पेंच वैसे भी जनता चुनाव-दर-चुनाव ख़ारिज कर रही है। ऐसे में इस रिपोर्ट का आना बतौर विपक्ष कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज करने वाला है।
(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)