अब विधानसभा में योगी सरकार ने चौथा बजट पेश किया है जिसमें पिछले तीन वर्षों से चल रहे विकास कार्यो को और तेजी से आगे बढ़ाने का मंसूबा दीखता है। यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का यह बजट प्रदेश के सम्पूर्ण विकास के लिए है। इससे युवाओं, किसानों, गरीबों का विशेष भला होगा।
उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने समग्र विकास पर फोकस किया था। इसके अनुरूप उन्होंने माहौल का निर्माण किया, प्रशासनिक मशीनरी को इस दिशा में सक्रिय किया। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश को इन तीन वर्षों में रिकार्ड निवेश प्रस्ताव मिले, इतना ही नहीं निवेश पर शिलान्यास का भी रिकार्ड कायम हो गया। तीन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी है। केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं पर योगी ने मुस्तैदी से अमल किया। पिछले तीन वर्षों में इसमें भी रिकार्ड सफलता मिली।
अब विधानसभा में योगी सरकार ने चौथा बजट पेश किया है जिसमें पिछले तीन वर्षों से चल रहे विकास कार्यो को और तेजी से आगे बढ़ाने का मंसूबा दीखता है। योगी ने तीन वर्षों की उपलब्धियों को जारी रखने का संकल्प दोहराया है। उत्तर प्रदेश में आजादी से लेकर वर्ष दो हजार सोलह तक मात्र बारह मेडिकल कॉलेज थे, जबकि योगी सरकार के तीन वर्षों में अट्ठाइस नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं।
स्कूल चलो अभियान के तहत पिछले तीन वर्षों में पचास लाख विद्यार्थियों को पंजीकृत किया गया है। इन विद्यार्थियों को दो स्कूल यूनिफार्म, स्कूल बैग, जूते, मोजे स्वेटर तथा अच्छा मिड डे मील उपलब्ध कराया जा रहा है। अनेक एक्सप्रेस वे निर्माण की दिशा में योगी सरकार तेजी आगे तेजी से आगे बढ़ रही है।
इनमें सबसे पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का कार्य पूरा किया जाएगा। इस वर्ष दीपावली के अवसर पर मुख्य मार्ग को यातायात हेतु उपलब्ध करा दिया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारे विकसित किये जायेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की लाइफ लाइन बनने जा रहा है।
योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में तीन एक्सप्रेस वे निर्माण का निर्णय हुआ था, जिनमें पहला पूर्वांचल एक्सप्रेस, दूसरा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे तथा तीसरा गंगा एक्सप्रेस वे है।
प्रस्तुत बजट में 10967 करोड़ रुपये की नई योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। जीएसटी और वैट से 91568 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया। आबकारी से 37500, स्टांप एवं पंजीयन से 23197 और वाहन कर से 8650 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि 2017-18 का बजट किसानों को समर्पित था। 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास व 2019-20 महिला सशक्तीकरण करने वाला था। 2020-21 का बजट युवाओं की शिक्षा, संवर्धन और रोजगार को समर्पित है। 2020 के बजट में युवाओं पर फोकस किया गया है। बजट में उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात देने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख का बजट पेश किया।
बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख की नई योजनाएं शामिल करने का प्रस्ताव है। योगी आदित्यनाथ ने बजट को सराहनीय बताते हुए कहा कि प्रदेश का यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में उत्तर प्रदेश की भूमिका का निर्धारण करेगा। इसमें सभी वर्गों के उत्थान का ध्यान रखा गया है। ढांचागत सुविधाओ का विकास होगा। स्वरोजगार के लिए प्रदेश के सभी जनपद की योजना इस बजट में है।
इसमें उच्च शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। कई नये विश्वविद्यालय खोलने के लिए इस बजट में प्रस्ताव किया गया है। काशी को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। इससे पर्यटन व तीर्थाटन दोनों बढ़ेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए दो सौ करोड़ रुपये व्यय करने का प्रस्ताव है। बजट में नयी योजनाओं और पर्यटन पर भी जोर है।
अयोध्या के संबन्ध में भी सरकार का यही दृष्टिकोण है। यहां उच्च स्तरीय पर्यटक अवसंरचना के विकास के लिए पच्चासी करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है जबकि अयोध्या हवाई अड्डे के लिये पांच करोड़ रूपये का प्रस्ताव किया गया है।
तुलसी स्मारक भवन के नवीकरण के लिए दस करोड़ रूपये की व्यवस्था है। वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए एक सौ अस्सी करोड़ रूपये का प्रस्ताव है। बजट आकलन के अनुसार कुल प्राप्तियां 5,00,558.53 करोड़ रूपये अनुमानित हैं। जल जीवन मिशन मातृ वंदना योजना को भी मजबूत बनाने का लक्ष्य है। मेट्रो निर्माण को गति प्रदान की जाएगी। पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास हेतु भी प्रस्ताव उल्लेखनीय हैं।
गौर करें तो यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का यह बजट प्रदेश के सम्पूर्ण विकास के लिए है। इससे युवाओं, किसानों, गरीबों का विशेष भला होगा।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)