यह व्यवस्था न केवल धरती के सीमा क्षेत्र में बल्कि पानी, आकाश और भूमिगत क्षेत्र में भी निगरानी रखती है। स्मार्ट फेंसिंग की शुरुआत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य में 2026 किलोमीटर के उस पूरे सीमा क्षेत्र, जिसे घुसपैठ के लिहाज से असुरक्षित माना जाता है, को भी स्मार्ट फेंसिंग से युक्त किया जाएगा।
भारत का भौगोलिक संकट ही है कि वो चीन और पाकिस्तान के रूप में दो बेहद खतरनाक और संदिग्ध पड़ोसियों से घिरा हुआ है। वैसे चीन की तरफ से सैन्य गतिरोध के कुछ मामलों के अलावा सीमा-क्षेत्र में बहुत अधिक कोई समस्या खड़ी नहीं की जाती है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा अक्सर ही सरहद पर तैनात भारतीय जवानों पर फायरिंग की आड़ में आतंकी घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं। हालांकि हमारे सैनिकों की तत्परता और पराक्रम के फलस्वरूप पाकिस्तान अपनी इन नापाक कोशिशों में प्रायः विफलता ही होता है।
लेकिन इस पूरी कवायद में सीमा-सुरक्षा में लगे हमारे सैनिकों पर न केवल निगरानी का अतिरिक्त दबाव रहता है बल्कि जब-तब घुसपैठियों के हमलों में हमें अपने अमूल्य सैनिकों के प्राणों की क्षति भी उठानी पड़ती है। लेकिन लगता है कि अब इस संकट से निजात मिल सकेगी क्योंकि सरहद पर घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए मोदी सरकार ने विदेशों की तरह ‘स्मार्ट फेंसिंग’ की तकनीक को अपनाने की शुरुआत की है।
गत 17 सितम्बर को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा भारत-पाक सीमा के साढ़े पांच-पांच किलोमीटर के दो क्षेत्रों में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में स्मार्ट फेंसिंग की शुरुआत की गयी। स्मार्ट फेंसिंग उन्नत प्रोद्योगिक उपकरणों द्वारा खड़ी की गयी एक अदृश्य दीवार होती है। एक ऐसी दीवार जिसके निकट क्षेत्र में किसी भी तत्व के आते ही उसकी सूचना नियंत्रण कक्ष में मौजूद लोगों को पहुँच जाती है।
यह व्यवस्था न केवल धरती के सीमा क्षेत्र में बल्कि पानी, आकाश और भूमिगत क्षेत्र में भी काम करती है। स्मार्ट फेंसिंग की शुरुआत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य में 2026 किलोमीटर के उस पूरे सीमा क्षेत्र, जिसे घुसपैठ के लिहाज से असुरक्षित माना जाता है, को भी स्मार्ट फेंसिंग से युक्त किया जाएगा।
इसकी शुरुआत व्यापक घुसपैठ सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) के तहत हुई है। कंटीले तारों की दीवार तो सीमा पर लगी है, लेकिन उसे काटकर घुसपैठिये सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। परन्तु, अब ‘स्मार्ट फेंसिंग’ की इस तकनीकी दीवार को भेदना उनके लिए आसान नहीं होगा।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)