गत शनिवार को मोदी जयपुर पहुंचे और बड़ी संख्या में जुटे सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से रूबरू हुए। उन्होंने यहां केंद्र एवं राज्य सरकार की 12 ऐसी योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया जिनकी तादाद 2 लाख थी।निश्चित ही इस जुड़ाव को उन्होंने महसूस किया और राजीव गांधी सरकार की तुलना में इसे सहज पाया। उन्होंने कांग्रेस को यहां आड़े हाथों लिया और स्पष्ट कहा कि योजनाओं को लटकाने का काम कांग्रेस ने बखूबी किया है। अब भाजपा के कार्यकाल में योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह वक्तव्य बहुत चर्चित है, जिसमें उन्होंने कहा था, या यूं कहें कि दबी जु़बान में स्वीकारा था कि भ्रष्टाचार का दीमक शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक फैला हुआ है। वे कहते थे कि विकास के लिए केंद्र से यदि एक रुपया आता है, तो निचले स्तर तक पहुंचते-पहुंचते वह दस पैसा रह जाता है।
यानी वे मान बैठे थे कि विकास का बजट जमीनी स्तर पर नहीं पहुंचता है। असल में यह बहुत गहरी विडंबना की बात है कि किसी देश के प्रधानमंत्री को विवश होकर ऐसा कहना पड़े। लेकिन यदि हम अतीत से लौटकर वर्तमान में आएं तो पाएंगे कि मोदी सरकार के अबतक के कार्यकाल में यह विवशता और यह नकारात्मकता लगभग छंट चुकी है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो जनता से मुखातिब तो होते ही हैं, योजनाओं के लाभार्थियों से भी सीधा संवाद करते हैं। एक पखवाड़ा पहले वे मध्यप्रदेश के इंदौर शहर आए थे और यहां उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण में अग्रणी रहे शहरों के मेयर को सम्मानित किया था।
उन्होंने इंदौर से ही मध्यप्रदेश के कुछ अन्य शहरों में ई-लोकार्पण करते हुए रिमोट से ही आवासीय सुविधाओं का शुभारंभ किया। अगले दिन उन्होंने झज्जर में बहादुरगढ़-मुंडका मेट्रो रेल लाइन का लोकार्पण किया। उन्होंने राजधानी नई दिल्ली से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रिमोट का बटन दबाकर यह सौगात दी थी।
ताजा उदाहरण जयपुर का है, जहां शनिवार को वे आए और बड़ी संख्या में जुटे सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से रूबरू हुए। उन्होंने यहां केंद्र एवं राज्य सरकार की 12 ऐसी योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया जिनकी तादाद 2 लाख थी।निश्चित ही इस जुड़ाव को उन्होंने महसूस किया और राजीव गांधी सरकार की तुलना में इसे सहज पाया। उन्होंने कांग्रेस को यहां आड़े हाथों लिया और स्पष्ट कहा कि योजनाओं को लटकाने का काम कांग्रेस ने बखूबी किया है। अब भाजपा के कार्यकाल में योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। यहाँ उन्होंने कई परियोजनाओं का शुभारम्भ भी किया।
जयपुर में प्रधानमंत्री मोदी का आना कुछ अर्थों में विशेष था। अव्वल तो वर्ष 2019 के चुनाव के लिए वे लगातार देश भर में अवाम से मुखातिब होकर अपने गत 4 वर्षों की उपलब्धियां गिना रहे हैं, जो कि स्वाभाविक और आवश्यक भी है। इसके अलावा यह यात्रा खास इसलिए थी कि वर्ष 2013 के बाद से मोदी ने जयपुर में एक भी सभा को संबोधित नहीं किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां उनकी यह पहली सभा थी। इसलिए भी यह सभा महत्वपूर्ण थी।
चर्चाएं हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी जल्द ही राजस्थान का दौरा करने वाले हैं। निश्चित ही राजस्थान ही क्या, राहुल गांधी के सामने समूचा देश है। वे चुनावी, गैर-चुनावी सभी राज्यों में बेधड़क जा सकते हैं, लेकिन मूल बात यह है कि उनके पास गिनाने के लिए कुछ नहीं है। वे आधारहीन बयान जरूर दे सकते हैं, लेकिन सार्थक बातें करने के लिए उनके पास कोई आधार नहीं है।
यदि हम केवल राजस्थान के ही परिप्रेक्ष्य में बात करें तो राज्य के 6 लाख से अधिक गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास सुविधा उपलब्ध हुई है। समूचे देश में 32 करोड़ जनधन के खातों में ढाई करोड़ खातों का योगदान राजस्थान से भी आता है। स्वच्छता अभियान में यह राज्य केंद्र से कंधे से कंधा मिलाकर चलता नज़र आता है, जिसका परिणाम है कि यहां 80 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत यहां 33 लाख महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन मुहैया कराए गए हैं जो कि किसी भी दल की सरकार के कार्यकाल में हुआ इस तरह पहला कार्य है।
बेरोजगारी अथवा मंदी से जूझ रहे राजस्थान के युवाओं, व्यापारियों को केंद्र सरकार ने बड़ा सहारा दिया है। यहां के 44 लाख से अधिक कारोबारियों को मुद्रा योजना का लाभ देते हुए बिना गारंटी वाला ऋण उपलब्ध कराया गया। इतना ही नहीं, बिजली संकट से जूझती जनता को बिजली उपलब्ध कराई गई है। यहां 3 लाख लोगों को सौभाग्य योजना के तहत निशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया।
असल में केंद्र सरकार 2014 से ही लगातार राज्यों में विकास की दिशा में कार्यरत रही है, लेकिन अब समय आ गया है कि इन कार्यों के विषय में जनता को बताया जाए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने त्वरित एवं सटीक तौर पर अल्पावधि में विकास की दिशा में बहुत से काम किए हैं। आगे भी यह क्रम जारी रहेगा, ऐसी उम्मीद है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)