2015 में प्रधानमंत्री ने एक हजार दिनों के भीतर देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य घोषित किया था और इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल कर लिया गया। 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरूआत की थी। यह योजना भी पूरी रफ्तार से प्रगति कर रही है और प्रतिदिन एक लाख घरों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है।
2014 से पहले तक पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण रस्मी अधिक होता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए योजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन की घोषणा करने की नई परिपाटी की शुरूआत की है।
2015 में प्रधानमंत्री ने एक हजार दिनों के भीतर देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य घोषित किया था और इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल कर लिया गया। 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरूआत की थी। यह योजना भी पूरी रफ्तार से प्रगति कर रही है और प्रतिदिन एक लाख घरों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है।
देश में मूलभूत सुविधाओं के मामले में भारी अंतर विद्यमान रहा है। रसोई गैस, बिजली, सड़क, पक्के मकान, शौचालय, बैंक, बीमा, साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं शहरों के उच्च और मध्यम वर्ग तक सिमटी रहीं।
आजादी के बाद से ही इन्हीं शहरी सुविधाओं को करोड़ों गांव वालों और शहरी गरीबों को मुहैया कराने का ख्वाब दिखाकर चुनाव लड़े और जीते जाते रहे। लेकिन गरीबों तक ये सुविधाएं नहीं पहुंच पाईं क्योंकि चुनाव जीतने के बाद नेतागण अगले चुनावों तक अपने चुनावी वायदों को भूल जाते थे।
कांग्रेसी कुशासन से त्रस्त होकर 2014 के लोक सभा चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देते समय यह नहीं सोचा था कि आम आदमी से जुड़ी योजनाएं समय से पहले पूरी हो जाएंगी। लेकिन आज यह हकीकत बन चुका है। चाहे हर गांव तक बिजली पहुंचाना हो या महिलाओं को रसोईघरों के धुएं से आजादी दिलाने के लिए मुफ्त रसोई गैस का कनेक्शन, हर मामले में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि हासिल हो रही है।
अब मोदी सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन को समय से पूरा करने पर जुटी हुई है। जल जीवन मिशन के तहत पिछले एक साल में ही दो करोड़ घरों तक पाइप से पीने का पानी पहुंचा दिया गया है। कोरोना काल के इस दौर में रोजगार की दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है।
2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने वाली इस योजना की कुल लागत 3.60 लाख करोड़ रूपये है। 2019 में जब यह योजना शुरू हुई तब तक देश में मात्र 3.23 करोड़ घरों (17 प्रतिशत) में ही नल से पानी की आपूर्ति होती थी।
शेष 15.70 करोड़ घरों (83 प्रतिशत) घरों के लिए यह मिशन शुरू किया गया है। इसका सूत्र वाक्य है – हर घर जल है। इसके तहत देश के सभी गांवों, प्रत्येक ब्लॉक, हर जिला, राज्य व केंद्र शासित प्रदेश तक इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।
पिछले एक वर्ष में जल जीवन मिशन के तहत देश के नौ जिले, 342 ब्लॉक और 40,000 से अधिक गांवों में शत प्रतिशत घरों तक पाइप से जलापूर्ति शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में बताया कि हर रोज एक लाख परिवारों को जल आपूर्ति करने वाले नल से जोड़ा जा रहा है। योजना की प्रगति की मॉनिटरिंग तथा भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी नल कनेक्शन उपभोक्ता के आधार नंबर से लिंक किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है तो इसका कारण है कि मोदी सरकार जनता से किए वायदों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। सरकार की विकास की इस राजनीति ने विरोधियों के मन में भय भर दिया है।
उन्हें यह डर सता रहा है कि यदि मोदी सरकार इसी तरह जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को हल करती रही तो उनके सामने चुनावी वायदे के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। यही कारण है कि विरोधी ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)