ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना से मुद्रास्फीति में आ रही कमी

भारत, खास करके ग्रामीण इलाकों, में उपभोग के तरीकों में बदलाव के साथ-साथ लोगों के रहने के तौर-तरीकों में भी लगातार परिवर्तन आ रहा है। जीवनयापन को बेहतर बनाने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों एवं सेवाओं की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2016 से ग्रामीण इलाकों में विवेकाधीन उपभोग में गिरावट की प्रवृति देखी जा रही है। इसका संभावित कारण बड़ी-बड़ी विनिर्माण या एफएमसीजी कंपनियों द्वारा ग्रामीण इलाकों में वितरण प्रणाली को मजबूत करना हो सकता है।

एफएमसीजी से अभिप्राय उन उत्पादों से है, जिन्हें अपेक्षाकृत कम कीमत पर किंतु शीघ्रता से बेचा जाता है। गौरतलब है कि विवेकाधीन उत्पादों में शीतल पेय, तैयार भोजन, स्नैक्स, मनोरंजन, व्यक्तिगत देखभाल एवं गैर-विवेकाधीन उत्पादों में भोजन, कपड़े, बिजली, ईंधन और आवास आदि आते हैं। गैर-विवेकाधीन उत्पादों के उपभोग में भी जुलाई, 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में गिरावट की प्रवृति देखी जा रही है, जिसका एक कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट और दूसरा कारण प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को अमलीजामा पहनाना हो सकता है।

ग्रामीण ईंधन एवं प्रकाश मुद्रास्फीति पर उज्ज्वला योजना का प्रभाव

देखा जाये तो गैर-विवेकाधीन उत्पादों में ईंधन एवं प्रकाश का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिये, देश भर में स्वच्छ रसोई गैस की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई। पीएमयूवाई के अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-19 तक प्रति कनेक्शन 1600 रुपये का अनुदान दिया जायेगा और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया जायेगा।

पीएमयूवाई के कार्यान्वयन के लिए 8000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये। पीएमयूवाई का लक्ष्य देश में लाखों गरीब महिलाओं को सशक्त बनाना है, जो कोयले, लकड़ी और अन्य ईंधन जलाने से उत्सर्जित होने वाले घातक गैसों को सहने के लिए मजबूर हैं। अब तक पीएमयूवाई के तहत देश में 3 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं।

ग्रामीण ईंधन मुद्रास्फीति पर पीएमयूवाई के प्रभाव को आकलित करने के लिये 10 राज्यों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। ऐसा इसलिये किया गया, क्योंकि अधिकांश एलपीजी कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों में दिये गये हैं। इन 10 राज्यों में कुल कनेक्शन का 95.3% हिस्सा है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान शीर्ष 3 स्थानों पर हैं। आंकड़ों के मुताबिक मई, 2016 के बाद से राज्यों, जहां अधिक संख्या में एलपीजी कनेक्शन दिये गये, जैसे, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा आदि में ग्रामीण ईंधन मुद्रास्फीति कम हुई, वहीं कुछ राज्यों में बढ़ी। हालाँकि, इस योजना के तहत कम प्रगति का कारण उन राज्यों में बेहतर ग्रामीण परिवेश और गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या का कम होना है।

(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसन्धान विभाग में कार्यरत हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)