ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू हुआ। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के उत्पाद की बिक्री होगी। ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश ने करीब नब्बे हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
भारत में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम बहुत औपचारिकता वाले रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें परिवर्तन देखा जा रहा है। रामनाथ कोविंद और वेंकैया नायडू ने विकास और लोक कल्याण कार्यक्रमो में अपनी सहभागिता बढ़ाई है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इसकी गवाह बनी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक गौरव दिलाने की अनेक योजनाएं शुरू की हैं। ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) उन्हीमें से एक है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसकी आधारशिला रखी थी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे लांच किया।
राज्य सरकार ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना में केन्द्र और प्रदेश की योजनाओं को जोड़कर प्रदेश के करोड़ों युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनाएंगी। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस योजना से हर साल प्रदेश के पांच लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
मात्र डेढ़ वर्ष में व्यापार सुगमता की सूची में उत्तर प्रदेश का दो पायदान आगे बढ़ना सामान्य बात नहीं है। सुधार में सिंगल विंडो पोर्टल भूमि की उपलब्धता और आवंटन, कर भुगतान प्रणाली, पारदर्शी सूचनाएं और ऑनलाइन उपलब्धता, पर्यावरण सुधार, आवश्यक अनुमति का सहजता से मिलना आदि बिंदु शामिल थे। योगी सरकार उद्योग, व्यापार सुगमता, कृषि, आदि सभी मोर्चो पर एक साथ कार्य कर रही है।
प्रदेश सरकार की योजना है कि बड़े पैमाने पर प्रदेश के युवाओं को उनके घर में ही रोजगार मिले। रोजगार के लिए यूपी के युवाओं को किसी अन्य शहर में जाकर न रहना पड़े। इसलिए उत्तर प्रदेश के नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार अब प्रशिक्षित होंगे। उनको सरकार की तरफ से प्रमाणपत्र दिया जाएगा ताकि पुलिस, नेता, बदमाश उनसे उगाही न कर सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर गांव में नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार आदि पेशे से जुड़े लोग असंगठित रूप से काम करते हैं। पर्यटन को भी रोजगारपरक बनाया जाएगा।
एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चार हजार अड़तालीस लोगों को देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया जिसमें से दो सौ करोड़ रुपये का कर्ज राष्ट्रपति ने दिया। शेष आठ सौ करोड़ रुपये का ऋण जिलों में प्रभारी मंत्री देंगे।
इस ऋण से लघु स्तर पर इकाई लगाने में आसानी होगी। समिट के दौरान एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, क्राफ्ट एंड टूरिज्म, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल्स और क्रेडिट एंड फाइनेंस के चार सेशन भी आयोजित होंगे। समिट में राज्य के विभिन्न जनपदों के लोकप्रिय पारंपरिक उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने व उनकी आय में वृद्धि के लिए शुरू की गई है। लोन की मार्जिन धनराशि में पच्चीस प्रतिशत की छूट सरकार दे रही है। इसके साथ ही टूल किट का वितरण भी किया गया। ओडीओपी के तहत सभी जिलों के उत्पाद का उत्पादन वृद्धि के लिये ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक जिले में सामान्य सुविधा केंद्र भी बनाए जाएंगे। उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्पियों को ऋण भी उपलब्ध कराए गए।
ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू हुआ। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के उत्पाद की बिक्री होगी। ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश ने करीब नब्बे हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से राष्ट्रीय निर्यात में भारी वृद्धि का अनुमान है।
प्रदेश में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार परंपरागत उद्योगों से ही मिलेंगे। विदेशी मुद्रा भी इसी से कमाई जा सकती है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के विकास की व्यापक योजना लेकर चल रहे हैं। इसके लिए वह उपयुक्त माहौल भी बना रहे हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में विकास की बयार चल पड़ी है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)