2008 में जिस नीरव मोदी के घोटाले का पौधारोपण कांग्रेस सरकार ने करवाया था, उसका समूल नाश नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। कांग्रेस अगर चाहती तो घोटाले को पनपने से पहले ही उखाड़ फेंकती, लेकिन यूपीए शासन में सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। दिक्कत तो तब आई जब नोटबंदी के बाद ये घोटाले सामने आने लगे। यह काम कतई आसान भी नहीं था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए चुनौतियों का सामना किया। नीरव मोदी का घोटाला सामने आने के बाद अब ओबीसी से जुड़ा ये एक और बैंक घोटाला सामना आया है, जिसके बाद कांग्रेस फिर सवालों के घेरे में आ गयी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इन दिनों दूसरों को शुचिता का पाठ पढ़ाने में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं, लेकिन उनकी नजर शायद इतनी कमजोर हो गई है कि उनको अपने लोगों द्वारा किये गए घोटाले बिलकुल ही नज़र नहीं आते। उनको यह भी याद नहीं रहता है कि उनकी सरकार आज से तीन साल पहले घोटाले की वजह से चली गई थी। यूपीए-2 के समय ही इतने घोटालों के बीज बो दिए गए थे कि उस समय के लगाये गए पौधे अब दरख़्त बन रहे हैं। अब ताजा मामला है पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद जी का, जिन्होंने सरकारी बैंक को 100 करोड़ रूपये से ज्यादा का चूना लगा दिया है।
क्या है मामला?
ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स ने 2011 में 148.60 करोड़ रुपये कंपनी को लोन के दिए। ये लोन दरअसल किसानों के लिए जारी किया गया था, जिसके जरिये 5,762 किसानों की मदद दी जानी थी। आरबीआई की एक योजना के तहत 25 जनवरी, 2012 से 13 मार्च, 2012 तक गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों को इसका फायदा दिया जाना था, लेकिन कंपनी ने इस पैसे को किसानों पर खर्च न करके, खुद पर खर्च कर दिया।
फिर वर्ष 2015 में 97.85 करोड़ और 110 करोड़ के दो लोन को फ्रॉड घोषित किया गया, बैंक से लिए गए इन पैसों का इस्तेमाल पुराने लोन को चुकाने के लिए किया गया। कंपनी ने पहले 97.85 करोड़ का लोन लिया, जिसे 2015 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया। सुगर मिल ने दोबारा उसी फ्रॉड लोन का भुगतान करने के लिए 110 करोड़ रूपये का कॉर्पोरेट लोन लिया, जिसे बाद में एनपीए करार दिया गया। सुगर मिल के खिलाफ ये एक्शन नोटबंदी के तीन हफ्ते बाद लिया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद हैं गुरपाल सिंह, जिनके खिलाफ सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। गुरपाल सिंह की शादी कैप्टन अमरिंदर की बेटी जय इन्दर कौर से हुई है। सीबीआई के मुताबिक देश की बड़ी सुगर मिल में से एक सिंभौली शुगर्स लिमिटेड बैंक फ्रॉड केस में शामिल है, जिसमें कि गुरपाल सिंह उप-महाप्रबंधक (डीजीएम) हैं।
2008 में जिस नीरव मोदी के घोटाले का पौधारोपण कांग्रेस सरकार ने करवाया था, उसका समूल नाश नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। कांग्रेस अगर चाहती तो घोटाले को पनपने से पहले ही उखाड़ फेंकती, लेकिन यूपीए शासन में सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। दिक्कत तो तब आई जब नोटबंदी के बाद ये घोटाले सामने आने लगे। यह काम कतई आसान भी नहीं था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए चुनौतियों का सामना किया। नीरव मोदी का घोटाला सामने आने के बाद अब ओबीसी से जुड़ा ये एक और बैंक घोटाला सामना आया है, जिसके बाद कांग्रेस फिर सवालों के घेरे में आ गयी है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि बैंक ने जो पैसे किसानों के लिए दिए थे, उसे कैप्टन के रिश्तेदारों ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने अपने ट्वीट को डिलीट कर यह साबित कर दिया कि यह पार्टी देश के बैंकों को लूटने में हमेशा आगे रही है।
अकाली दल के पटियाला से सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा कहते हैं कि जितने भी बैंकों के घोटाले कांग्रेस राज में हुए थे, वो अब निकलकर बाहर आ रहे हैं। कांग्रेस के राज में देश जिस रह देश को लूटा गया, वे घोटाले अब परत-दर-परत खुलकर सामने आ रहे हैं, इसके लिए कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)