बज़ट 2017-18 : राष्ट्र के दूरगामी हितों और नागरिकों के सर्वांगीण विकास को समर्पित
१ फरवरी २०१७ को अरुण जेटली ने २०१७-१८ के वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्तुत किया। वित्त वर्ष २०१७-१८ का यह बज़ट पिछले कई वर्षो से पेश किये जा रहे अन्य बजटों की अपेक्षा ज्यादा चर्चित रहा, क्योंकि इस बार समय से पहले बज़ट पेश करने को लेकर विपक्ष सहित तमाम लोग यह अनुमान लगा रहे थे कि इस बजट में केंद्र की मोदी सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र लोक-लुभावने ऐलान कर सकती
सर्व-समावेशी एवं दूरगामी सोच से परिपूर्ण बज़ट
बज़ट सत्र आते ही सारे देश की निगाहें बज़ट पर आ जाती हैं कि आखिरकार इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री उनके लिए क्या खास लेकर आए हैं। मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी गत दिनों देश का आम बजट पेश किया। इस बार का बजट हर मायनों में खास रहा है। चाहे वो महंगाई पर काबू पाने की बात हो या फिर बुनियादी सुविधाओं की व्य़वस्था को दुरूस्त करने की। आख़िर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपना
अपने पचास दिनों में हर तरह से लाभकारी रही है नोटबंदी
नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके हैं। बीते 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में पांच सौ और एक हजार के नोटों को चलन से बाहर करने का निर्णय सुनाया था। निश्चित रूप से यह फैसला देश में छुपे काले धन और नक़ली नोटों के कारोबार पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह था। अतः आम जनता द्वारा इसका खुलकर स्वागत किया गया और नोट बदलवाने के लिए कतारों की मुश्किल से दो-चार होने
भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण दस्तावेज है अरुण जेटली की पुस्तक ‘अँधेरे से उजाले की ओर’
‘अँधेरे से उजाले की ओर’ पुस्तक, श्री अरुण जेटली जी के अंग्रेजी में लिखित लेखों का हिंदी अनुवाद है। ये अनुवाद श्री प्रणव सिरोही जी ने किया है। इस पुस्तक का लोकार्पण हाल ही में 21 अक्टूम्बर 2016 को, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के कर-कमलों से हुआ। यह पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुयी है। यह पुस्तक “श्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में नेता