अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार हो रहा सुधार

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार सुधार होने से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है। जीएसटी संग्रह में और भी इजाफा होने की उम्मीद है।

मोदी सरकार के आर्थिक सुधार कार्यक्रमों का दिखने लगा है व्यापक असर

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी कहा है कि देश में आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को जारी रखा जाएगा ताकि विदेशी निवेशक भारत की ओर अपना रूख बनाए रख सकें।

दहाई आंकड़े की विकास दर एवं 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता भारत

भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती है अतः भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे आने वाले समय में ग्रामीण एवं छोटे शहरों का दबदबा बना रहने वाला है।

मौद्रिक समीक्षा : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ती रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखना रिजर्व द्वारा उठाया गया समीचीन कदम है। मौजूदा समय में बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने के लिए पर्याप्त नकदी है।

जीएसटी संग्रह में निरंतर वृद्धि दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है

नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह में सुधार हुआ है।

मुक्‍त व्‍यापार को भारतीय हितों के अनुकूल ढाल रही है मोदी सरकार

मोदी सरकार मुक्‍त व्‍यापार नीतियों को इस तरह तर्कसंगत बना रही है ताकि वे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए फायदे का सौदा बनें।

कोरोना के प्रभाव से उबरकर रफ़्तार पकड़ रही जीडीपी

कोरोना महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर प्रभावित हुई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा बेहतरी आई है।

सरकार के क़दमों का दिखने लगा असर, रफ़्तार पकड़ रहीं आर्थिक गतिविधियाँ

सरकार के क़दमों से महामारी के प्रभाव से उबरकर अब अर्थव्यवस्था स्थायित्व एवं बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ रही है। अगस्त के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।

कोरोना के प्रभाव से मुक्त होकर सुधर रहे सामाजिक-आर्थिक हालात

कोरोना महामारी के बाद अब देश के सामाजिक-आर्थिक हालात फिर से सुधरने लगे हैं और जल्दी-ही चीजें पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद की जा सकती है।   

ये आंकड़े बताते हैं कि रफ़्तार पकड़ने लगी हैं आर्थिक गतिविधियाँ

अब धीरे-धीरे संकट के बादल छंट रहे हैं। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। कई क्षेत्रों में सुधार के संकेत साफ़-साफ़ दिख रहे हैं।