बजट 2020 : अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला एक सर्वस्पर्शी बजट
आम बजट में किये गये प्रावधानों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की प्रबल संभावना है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग क्षेत्र, प्रत्यक्ष एवं अ प्रत्यक्ष कर में राहत देने, रेलवे एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल अपनाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। अंतिम उपभोग व्यय में तेजी लाने से स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन
बजट 2019 : गांवों की तस्वीर बदलने की कवायद
भारतीय राजनीति की विडंबना रही कि यहां आजादी के बाद से ही खेती-किसानी के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन गांवों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं आया। सरकारों ने वोट तो ग्रामीण विकास के नाम पर मांगा लेकिन विकास किया शहरों का। इसका नतीजा यह निकला कि शहर और गांव के बीच खाई बढ़ती गई।
इस बजट ने आम आदमी का दिल तो जीता ही है, विपक्ष की राजनीति भी ध्वस्त कर दी है!
विपक्ष भले ही वर्तमान सरकार के इस आखिरी बजट को चुनावी बजट कहे और कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बजट भाषण को चुनावी भाषण की संज्ञा दे, लेकिन सच तो यह है कि इस आम बजट ने अपने नाम के अनुरूप देश के आम आदमी के दिल को जीत लिया है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘यह सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, सर्वोत्कर्ष को समर्पित एक ऐसा बजट है’ निस्संदेह ये बजट भारत के भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने जगाता है।