मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं से कम हो रही गरीबी
सरकार के प्रयासों से देश में गरीबी के स्तर में कमी आई है। मोदी सरकार के शासन में गरीबी हटाओ कोई हवा-हवाई नारा नहीं, बल्कि जमीन पर साकार हो रही हकीकत है।
गरीबी की जड़ पर चोट करने में कामयाब रही मोदी सरकार
2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी गरीबी निवारण योजनाओं के साथ-साथ गरीबी पैदा करने वाले कारणों को दूर करने में जी जान से जुट गए। प्रधानमंत्री ने उन व्यवस्थागत खामियों का दूर किया जिनके चलते योजनाएं अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाती थीं।
दवा उद्योग के मामले में देश को आत्मनिर्भर बना रही मोदी सरकार
इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां सेहत का सवाल शायद ही कभी अहम मुद्दा बनता हो। चुनाव लोक सभा के हों या विधान सभाओं के, सेहत के सवाल पर ज्यादातर राजनीतिक दल चुप्पी साधे रहते हैं। हां, इस दौरान वे मुफ्त बिजली-पानी, कर्ज माफी जैसे वोट बटोरू वायदों का पांसा फेंकने में नहीं चूकते हैं।
आयुष्मान भारत को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने की कवायदों में जुटी सरकार
आयुष्मान भारत योजना के आगाज के बाद से ही शहरी इलाकों में लाभार्थियों की पहचान में मुश्किलें आ रही थीं, जिसके कारण इस योजना का लाभ अपेक्षित संख्या में लोग नहीं ले पा रहे थे। अस्तु, योजना के आगाज के बाद से ही लाभान्वितों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जा रहा था। इसी संदर्भ में सरकार के नुमाइंदों ने एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्विगी और जोमैटो सहित 21 निजी कंपनियों के साथ करार करने का प्रस्ताव किया है
स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रही मोदी सरकार
गरीबी पैदा करने वाले कारणों में महंगा इलाज पहले स्थान पर है। खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल साढ़े छह करोड़ लोग महंगे इलाज के कारण गरीबी के बाड़े में धकेल दिए जाते हैं। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार दूर करने के साथ–साथ गरीबी मिटाने के दीर्घकालिक उपायों पर भी काम करना शुरू किया।
आयुष्मान भारत योजना से प्रेरित होकर उत्तराखंड सरकार ने भी की स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी पहल
स्वतंत्रता के पश्चात देश में सरकारों ने आम आदमी को केंद्र में रखकर तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कीं और कई नारे दिए। मगर ज्यादातर सरकारों की नीति और नीयत साफ ना होने के कारण तमाम योजनाएं ढकोसला ही साबित हुई हैं। इन योजनाओं ने आम आदमी के बजाय योजनाकारों को ही लाभ पहुंचाया और उनकी संपन्नता में बढ़ोतरी की।
आयुष्मान भारत : किसको और कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ, जानिये सब बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) की औपचारिक शुरुआत 23 सितंबर, 2018 को की। इस योजना को ‘मोदी केयर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे आजादी के बाद की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना माना जा रहा है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को
मोदी केयर : आम जन के स्वास्थ्य की सुध लेने वाली योजना
सरकार ने वित्त वर्ष, 2019 के बजट में “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) नाम से एक नई योजना की घोषणा की है। इसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवार (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) लाभान्वित होंगे और