मोहन भागवत ने संघ के विषय में जो बताया, संघ हमेशा से वैसा ही है!
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका समाज में राजनीतिक विमर्श की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में संघ ने एक मार्गदर्शक की यथोचित भूमिका निभाई थी। गत दिनों संघ ने अपने मंच पर देश की अलग-अलग विचारधाराओं से सम्बंधित लोगों को आमंत्रित करके एक सन्देश देने की कोशिश की है कि राष्ट्र निर्माण में सभी जाति, समुदाय
भारत बंद से माल्या तक, नेशनल हेराल्ड से ध्यान भटकाने के लिए क्या-क्या करेगी कांग्रेस!
बीता सप्ताह सिलसिलेवार सियासी घटनाक्रमों का साक्षी रहा। अव्वल तो भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की लंदन स्थित कोर्ट में पेशी के दौरान उसका यह सनसनी फैलाने वाला बयान कि वह देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था, सुर्ख़ियों में रहा। हालांकि जेटली ने तुरंत ही माल्या के बयान का खंडन करके बेसिर पैर की अफवाहों, अटकलों को वहीं रोक दिया लेकिन
क्या कांग्रेस का भारत बंद नेशनल हेराल्ड मामले से ध्यान भटकाने की साजिश था?
घोटालों और भ्रष्टाचार से कांग्रेस पार्टी का पुराना नाता रहा है। जब भी देश में किसी घोटाले का नाम आता है या कोई कारनामा उजागर होता है तो कांग्रेस पार्टी के भी तार उससे कहीं न कहीं जुड़े होते हैं। लेकिन फिलहाल नेशनल हेराल्ड का जो मामला चर्चा में है उसमें खुद कांग्रेस पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी तथा सोनिया गाँधी जमानत पर हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भारत बंद करने वाली कांग्रेस पहले अपने गिरेबां में तो झांके!
वेनेजुएला की राजनीतिक उथल-पुथल, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध, मुद्रा बाजार की उठा-पठक जैसे कारणों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने देश के सत्ताच्युत व जनाधार विहीन नेताओं को ऑक्सीजन देने का काम किया है। इन नेताओं से सबसे अहम सवाल यह है कि जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने घरेलू तेल उत्पादन बढ़ाने, वैकल्पिक ईंधन के विकास, तेल की बचत जैसे दूरगामी
कांग्रेस का भारत बंद तो विफल रहा ही, इसके बहाने विपक्षी एकजुटता की मंशा भी हुई फुस्स!
बंद का आह्वान करना राजनीतिक दलों का लोकतान्त्रिक अधिकार है, लेकिन बंद के नाम पर हिंसा करना कतई उचित नहीं कहा जा सकता। आज जब कांग्रेस के नेतृत्व में दर्जन भर पार्टियों ने बंद का आयोजन किया तो लक्ष्य यही था कि पेट्रोल उत्पादों की बढ़ती कीमत के बारे में सरकार पर दबाव बनाया जाए।
केरल की बाढ़ का एक बड़ा कारण कांग्रेस और वामपंथियों की वोट बैंक की राजनीति भी है!
केरल में आई भीषण बाढ़ का एक कनेक्शन तुष्टिकरण की राजनीति से भी जुड़ा है जिसकी ओर बहुत कम लोगों का ध्यान जा रहा है। केरल का सबसे बड़ा चर्च है सायरो-मालाबा कैथोलिक चर्च। केरल के पश्चिमी घाट पर रहने वाले ज्यादातर ईसाई इसी से जुड़े हैं और इनके बड़े-बड़े बागान हैं। इस चर्च ने 2013 में कम्युनिस्टों के साथ मिलकर गाडगिल समिति की सिफारिशों के
इन तथ्यों से तो यही लगता है कि राफेल सौदे पर राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं!
बीते कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी और उनके नामदार अध्यक्ष राहुल गाँधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर पूरे देश को गुमराह करने का अभियान चला रखा है। अपनी अज्ञानता के कारण या यूँ कहें कि अपनी परिवारवादी सोच से ग्रसित कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्र की सुरक्षा को भी दरकिनार करते हुए सर्वप्रथम अपने निजी हितों को महत्ता दी है।
क्या राहुल गांधी ने दुनिया में देश की छवि खराब करने का जिम्मा ले रखा है?
पहले राहुल गांधी अक्सर गोपनीय विदेश यात्राओं पर निकल जाते थे। कोई नहीं जानता था कि वह कहाँ गए हैं, उनका कोई बयान भी नहीं आता था। बताया जाता कि वह चिंतन-मनन के लिए अज्ञातवास पर गए हैं। लेकिन लम्बा समय बिताकर जब उनकी वापसी होती तो भी कोई फर्क दिखाई नहीं देता था। फिर भी विदेश में उनका कुछ न बोलना देश के लिए राहत की बात
आईएसआईएस के कारण बताते हुए राहुल गांधी को इस्लामिक कट्टरता का ध्यान क्यों नहीं आया?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों के जर्मनी दौरे पर गए। उन्होंने हैमबर्ग के ब्यूकेरियस समर स्कूल के कैंपनागेल थिएटर एवं बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधन दिया। वहां जाने का उनका मकसद जो भी रहा हो, मगर जाहिर यही हुआ कि वे वहां केवल और केवल केंद्र की भाजपा सरकार को कोसने गए थे। यह काम वे भारत में भी कर सकते थे, लेकिन पता नहीं उनके
सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा का बचाव कर कांग्रेस शहीदों के अपमान के सिवा और क्या कर रही है?
सिद्धू का पाकिस्तान जाना और मणिशंकर अय्यर की कांग्रेस में वापसी एक ही समय पर हुई। इसी से कांग्रेस के वर्तमान वैचारिक आधार का अनुमान लगाया जा सकता है। अय्यर ने पाकिस्तान जाकर कभी जयचंद की याद ताजा कर दी थी। वहां उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए आप ही कुछ करिए। अब सिद्धू पाकिस्तानी सेना प्रमुख को झप्पी देकर आए