कांग्रेस

गुजरात चुनाव परिणाम : विकास की राजनीति के आगे चारों खाने चित हुई जातिवादी राजनीति !

हिमाचल को बचाने और गुजरात को पाने का कांग्रेसी सपना बिखर गया। उसकी झोली से एक राज्य और कम हो गया। इस बार उसकी उम्मीद बुलन्दी पर थी। जातिवादी आंदोलन के युवा नेताओं को गले लगाया। बड़े जतन से बनाई गई सेकुलर छवि में बदलाव के लिए प्रयास किए। लेकिन कोई भी नुस्खा काम नही आया। नोटबन्दी, जीएसटी, ईवीएम पर आरोप लगाने जैसे सभी अस्त्र-शस्त्र निरर्थक साबित हुए। इसका दूरगामी प्रभाव

गुजरात-हिमाचल चुनाव परिणाम : भाजपा का विकास पागल नहीं हुआ, अव्वल आया है !

गुजरात के नतीजे ऐतिहासिक रहे हैं। भाजपा का विकास पागल नहीं हुआ है, अव्वल आया है। गुजरात की जनता ने एक बार फिर जातिवाद की राजनीति के विष-बेल को उखाड़कर फेंक दिया है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही देश के सबसे बड़े नेता हैं, यह गुजरात की जनता ने साबित करके दिखाया है। अब 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह नतीजे कांग्रेस को नासूर की तरह

कांग्रेस में राहुल राज : गुजरात चुनाव के नतीजे राहुल गांधी के लिए लिटमस टेस्ट की तरह होंगे !

सोमवार सुबह से ही समाचार चैनल्स ब्रेकिंग न्यूज़ चलाकर राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की बार-बार तस्दीक कर रहे थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में यह एक बड़ा घटना विकास था। देश के पहले प्रधानमंत्री पं। नेहरू के पनाती, इंदिरा गांधी के पौत्र, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का हफ्ते भर से गहन विश्लेषण हो रहा था। लेकिन

राम मंदिर मामले में सिब्बल की अदालती दलीलों पर अपना रुख स्पष्ट क्यों नहीं कर रही कांग्रेस ?

बहुचर्चित अयोध्‍या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। पिछले सप्‍ताह विशेष पीठ द्वारा इसकी सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि राजनीतिक महकमों का इधर ध्‍यान खिंच गया। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्‍बल ने अयोध्‍या मामले की सुनवाई को 2019 लोकसभ चुनाव तक आगे बढ़ाने की अपील की। इसके पीछे उन्‍होंने तर्क दिया कि इसपर राजनीति हो सकती है।

यूपी निकाय चुनाव परिणामों से क्या सन्देश निकलता है!

गुजरात विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी यूपी निकाय चुनावों की अग्निपरीक्षा में सफल रही। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव वाली लहर को निकाय चुनाव में भी भाजपा कायम रखने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के परिणामों ने कांग्रेस की जमीन कुछ हद तक गुजरात के लिए खिसका दी है। इन नतीजों में भविष्य के कई संकेत छिपे हुए हैं।

राम मंदिर मामले पर सिब्बल की दलीलों से उजागर हुआ कांग्रेस का पाखण्ड !

राम मंदिर प्रकरण पर सर्वोच्च न्यायालय की विशेष पीठ द्वारा सुनवाई की तारीख को बढ़ा दिया गया है। अब अगली सुनवाई आठ फ़रवरी को होगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल जो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी हैं, ने यूपी सरकार के सोलिसिटर जनरल की तरफ से अदालत में प्रस्तुत तथ्यों पर संदेह जताया। सिब्बल का कहना था कि ये तथ्य पहले कभी दिखाए नहीं गए, जबकि सोलिसिटर जनरल ने इस बात से

यूपी निकाय चुनावों की शर्मनाक हार के बाद तो अपनी नकारात्मक राजनीति से बाज आए कांग्रेस !

उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में भाजपा ने अपना परचम लहराया और कांग्रेस-सपा आदि दलों को बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस की हार को तवज्जो देना इसलिए जरूरी है, क्योंकि अमेठी जो कल तक पार्टी का गढ़ माना जा रहा था, वहां से भी उसे हार का गहरा जख्म मिला है। निकाय चुनावों में पराजय इस बात का संकेत है कि कांग्रेस को जनता ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से खारिज करती जा रही है। ये हार विशेष रूप

अध्यक्ष से कम कब थे राहुल गांधी कि अब अध्यक्ष बनकर कुछ ‘कमाल’ कर देंगे !

कांग्रेस कार्यसमिति ने अध्यक्ष पद के चुनाव की अनुमति दे दी है। सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो चुनाव की औपचारिकता पूरी कर राहुल संभवतः गुजरात चुनाव से पूर्व ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे। वैसे, इस प्रकार की चर्चाएं पहली बार नहीं चली हैं। यह चर्चा वर्षों से चल रही है। कई बार तारीखें आगे बढ़ती रहीं। लेकिन, चाहे जितनी देर हो, अध्यक्ष की कुर्सी राहुल को हो मिलनी थी। अब पहले की तरह राहुल अज्ञातवास

विकास बनाम जातिवाद की लड़ाई का अखाड़ा बना गुजरात चुनाव

गुजरात में विधानसभा चुनाव इस बार साफ़ तौर पर विकास बनाम जातिवाद के मुद्दे पर केन्द्रित हो गया है। वैसे, आदर्श राजनीतिक व्यवस्था यही होगी कि चुनाव जातिवाद, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर लड़ें जाएँ। जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए हम अक्सर उत्तर प्रदेश और बिहार के नेताओं को बदनाम करते हैं, लेकिन गुजरात में कांग्रेस लगता है ये तय करके बैठी थी कि अबकी जातिवाद और आरक्षण के नाम पर ही

दंगों की राजनीति में माहिर रही है कांग्रेस

जो कांग्रेस पार्टी पिछले पंद्रह वर्षों से देश भर में होने वाले चुनावों में गुजरात दंगों की माला जपती रही है, वही कांग्रेस गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात दंगों का भूलकर भी नाम नहीं ले रही है। क्योंकि गुजरात में ये दाँव उसे ही नुकसान पहुंचाएगा। एक ओर कांग्रेसी नेता केरल में सरेआम गाय काटकर उसका मांस परोस रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी गुजरात में मंदिरों, मठों में माथा टेक