फिर एकबार कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की ऊंची छलांग!
विश्व बैंक हर साल “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” या कारोबारी सुगमता के संबंध में वैश्विक रैकिंग जारी करता है। “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2020”की रैकिंग में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान से 63वें स्थान पर पहुँच गया है। इतना ही नहीं भारत को देश में कारोबार का माहौल बेहतर करने के लिये सर्वश्रेष्ठ देश के रूप में चुना गया है।
मोदी सरकार के साहसिक क़दमों से बदल रही देश के अर्थतंत्र की तस्वीर
महाभारत के शांतिपर्व में एक श्लोक है- स्वं प्रियं तु परित्यज्य यद् यल्लोकहितं भवेत्, अर्थात राजा को अपने प्रिय लगने वाले कार्य की बजाय वही कार्य करना चाहिए जिसमे सबका हित हो। केंद्र की मोदी सरकार के गत साढ़े चार वर्ष के कार्यों का मूल्यांकन करते समय महाभारत में उद्धृत यह श्लोक और इसका भावार्थ स्वाभाविक रूप से जेहन में आता हैl दरअसल
मोदी सरकार के ठोस उपायों से बढ़ रहा है उद्यमशीलता का दायरा
1991 में शुरू हुई नई आर्थिक नीतियों की प्रक्रिया गठबंधन सरकारों के दौर में आकर ठहर गई। यही कारण था कि उदारीकरण का रथ महानगरों और राजमार्गों से आगे नहीं बढ़ पाया। इसका नतीजा यह हुआ कि खेती-किसानी घाटे का सौदा बन गई और गांवों से शहरों की ओर पलायन बढ़ा। उद्यमशीलता के महानगरों तक सिमट जाने के कारण देश भर में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी।
सरकार के आर्थिक सुधारों का दिख रहा असर, कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की बड़ी छलांग!
केंद्र सरकार ने देश में निवेश को प्रोत्साहन देने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के सुधार किये हैं, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ कहते हैं। पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। इसबार वह 190 देशों की सूची में 23 पायदान की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान पर पहुँच गया है। इसकी जानकारी 31 अक्तूबर, 2018 को जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट “डूइंग बिजनेस 2019-सुधार के लिए