कृषि

सरकार की कृषि नीतियों का दिखने लगा असर, फसलों के उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

नोटबंदी के बाद विरोधियों द्वारा सबसे ज्यादा इस बात पर बवाल किया गया कि इससे किसानों और खेती को बहुत नुकसान पहुंचेगा। कृषि व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, अगर इस साल के पैदावार से सम्बंधित आंकड़ों पर गौर करें तो विरोधियों के सभी दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। चालू फसल वर्ष में अबतक की सर्वाधिक पैदावार हुई है। पैदावार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है मानसून; जो कि

‘सबका साथ, सबका विकास’ के एजेंडे को प्रतिबिंबित करता बजट

विगत एक फ़रवरी को केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बज़ट पेश किया, जिसमें कि उन्होंने अनावश्यक लोकलुभावन वादों से परहेज़ करते हुए राष्ट्र के सर्व-समावेशी विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की। विपक्षी दल अभी तक भाजपा सरकार पर धनाढ्य और कुलीनतंत्रों की हिमायती होने का फ़िज़ूल आरोप लगाते आये हैं, लेकिन इस बजट से केंद्र सरकार ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है कि सरकार देश के गांवों

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ कृषि आज भी देश की सर्वाधिक आबादी का कार्यक्षेत्र है। ऐसा कहने में दो राय नहीं है कि यहां के लोग सीधे मिट्टी से जुड़े हुए हैं। जिस तरह भारत के लोगों मिट्टी से जुड़े हुए है, ठीक उसी तरह फसल को लहलहाने और फसल से उसे सोना बनाने के लिए मिट्टी उतनी ही जरूरी है। मिट्टी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य

मोदी सरकार के इन कदमों से खेती बनेगी मुनाफे का सौदा, किसानों के आएंगे अच्छे दिन!

भारतीय खेती की सबसे बड़ी त्रासदी यही है कि कुदरत का प्रकोप हो या मेहरबानी दोनों ही दशाओं में किसान बदहाल रहता है। लेकिन अब यह स्‍थिति ज्‍यादा दिन रहने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फसल बीमा से लेकर उपज की बिक्री तक का मुकम्‍मल उपाय करने में जुट गए हैं।