कोरोना

कोरोना से लड़ाई में क्यों फेल हो रहे हैं ये चार राज्य ?

महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ – इन चार राज्यों की सरकारों को केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों पर पत्र लिखना पड़ा है।

कोरोना से लड़ाई में भारत का उम्दा प्रदर्शन

एक तरफ, भारत में कोरोना वायरस के आक्रमण की धार कुंद पड़ गई है, तो दूसरी तरफ भारत ने कोरोना वायरस का टीका आम लोगों को लगाने की तैयारी भी पूरी कर ली है।

कोरोना काल में योगी सरकार के प्रबंधन की दुनिया भर में हो रही प्रशंसा

टाइम मैगजीन के लेख में यूपी में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों पर नियंत्रण और रिकवरी दर में लगातार वृद्धि को लेकर योगी सरकार के प्रयासों की तारीफ की गई है।

योगी आदित्यनाथ : कोविड काल में सुशासन का आदर्श स्थापित करने वाले मुख्यमंत्री

नीतियों, निर्णयों, कार्यों और उनके बेहतर परिणामों के आधार पर योगी आदित्यनाथ को वर्ष 2020 का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा।

कोरोना वैक्सीन पर अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, आपत्तिजनक भी है

कोरोना महामारी से लेकर उसकी वैक्सीन तक भारतीय राजनीति में विपक्षी दलों ने विरोध के लिए विरोध की जो राजनीति की है, वो शर्मनाक और निंदनीय है।

वैश्विक नेता के रूप में स्थापित होते प्रधानमंत्री मोदी

‘मॉर्निंग कन्सल्ट’ नामक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को 75 प्रतिशत लोगों ने सही ठहराया है।

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार हो रहा सुधार

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार सुधार होने से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है। जीएसटी संग्रह में और भी इजाफा होने की उम्मीद है।

भारत और भारतवासियों की अपराजेय दृढ़ता, जीवटता एवं संघर्षशीलता का साल रहा 2020

सीमित पूँजी-संसाधनों वाले अंतर्बाह्य चुनौतियों से घिरे देश- भारत का कोविड से दृढ़ता एवं सफलता से लड़ना अद्भुत, असाधारण, अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक है। 

कोरोना से लड़ाई में अव्वल रहे यूपी-बिहार और गुजरात, महाराष्ट्र और केरल साबित हुए फिसड्डी

बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों ने कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में देश में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।

मौद्रिक समीक्षा : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ती रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखना रिजर्व द्वारा उठाया गया समीचीन कदम है। मौजूदा समय में बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने के लिए पर्याप्त नकदी है।