‘गीता प्रेस’ के सम्मान का विरोध करने के पीछे की मानसिकता को समझिए
विरोधियों द्वारा यह कहना कि महात्मा गांधी और गीता प्रेस के प्रबंधकों के बीच घोर असहमतियां थी- निराधार और मूर्खतापूर्ण कथन है।
विरोधियों द्वारा यह कहना कि महात्मा गांधी और गीता प्रेस के प्रबंधकों के बीच घोर असहमतियां थी- निराधार और मूर्खतापूर्ण कथन है।