क्या अपनी प्रासंगिकता खो रहा है किसान आंदोलन ?
देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।
देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।