चंद्रयान-3 की सफलता ने बढ़ाया भारत का मान, मगर इसपर भी ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहा विपक्ष
जैसे ही चंद्रयान ने चांद को छुआ, यहां धरती पर ऐतिहासिक जश्न शुरू हो गया। जिसने भी यह देखा वह खुद को ना रोक सका। ढोल बजाए गए, मिठाइयां बांटी गई…
बुलंद हौसलों के साथ कई मिशनों को अंजाम देने की तैयारी में इसरो
चंद्रयान-2 के बाद अब चंद्रयान-3 के लिए कवायद शुरू हो गई है। नवंबर 2020 तक के लिए इसकी समय-सीमा तय हो चुकी है।इसरो के मिशन चंद्रयान-2 के साथ सब कुछ ठीक था। इसकी लॉन्चिंग से लेकर चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने तक सारी गतिविधियां ठीक थीं लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के पहले ही इसका पृथ्वी से संपर्क टूट गया। बस यही अंतिम क्षण की आंशिक
चंद्रयान-2 : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि की ओर भारत
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। 15 जुलाई को भारत चंद्रयान-2 मिशन के तहत रॉकेट लॉन्च करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस यान को 15 जुलाई रात 2 बजकर 51 मिनट पर लॉन्च करेगा। इसका भार 640 टन है और इसके निर्माण में 375 करोड़ रुपए की लागत आई है।