वैश्विक स्तर पर मजबूत होती भारतीय अर्थव्यवस्था
कोरोना महामारी की वजह से अनेक देशों की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गई है, लेकिन भारत में सरकार की समीचीन नीतियों और आमजन में बढ़ती जागरूकता की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है।
मोदी सरकार की नीतियों से चमकीली होती भारत की जीडीपी
जीडीपी, अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने का पैमाना है। इसके तहत देश के भीतर एक निश्चित अवधि के दौरान सभी वस्तु एवं सेवा का क्या मूल्य रहा था, इसका पता लगाया जाता है।
दस प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर प्राप्त करने की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था
अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों (व्यक्तिगत ऋण, सेवा, उद्योग एवं कृषि क्षेत्र) में ऋण प्रदान करने की गतिविधि में महत्वपूर्ण तेजी दृष्टिगोचर हुई है।
कोरोना संकट से उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगाई ऊंची छलांग
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली में तो लगातार वृद्धि देखने में आ रही है एवं यह अब प्रति माह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के स्तर पर पहुंच गई है।
पहली तिमाही में जीडीपी में हुई रिकॉर्ड वृद्धि अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को ही दर्शाती है
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तिमाही आधार पर भी पिछले वर्ष की दिसंबर तिमाही से जीडीपी में लगातार वृद्धि होना विकास में तेजी आने का द्योतक है।
ये आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संकट के बावजूद मजबूत स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था
सरकार द्वारा उठाये गये सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था में तेजी दिख रही है जिसके आगामी महीनों में और भी बेहतर होने की उम्मीद है।
मोदी राज में तेज हुई आर्थिक क्षेत्र में सुधार कार्यक्रम लागू करने की रफ्तार
हाल ही के समय में आर्थिक क्षेत्र में तेजी से किए गए सुधार कार्यक्रमों के कारण देश में न केवल आर्थिक विकास की दर तेज हुई है बल्कि रोजगार के भी कई नए अवसर निर्मित हुए हैं।
मोदी 2.0 : चुनौतियों और उपलब्धियों से भरे दो साल
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्षों का बड़ा हिस्सा कोरोना से जूझते हुए ही बीता है, लेकिन सरकार ने सूझबूझ और साहस के साथ महामारी से उपजे संकट से निपटने के लिये कई सुधारात्मक कदम उठाये हैं, जिसमें राहत पैकेज भी शामिल है।
मोदी सरकार के सुधारात्मक कदमों का दिख रहा असर, बेहतर हो रही अर्थव्यवस्था
बैंक भी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। कॉरपोरेट्स और खुदरा क्षेत्र में ऋण की माँग बढ़ने लगी है। ऋण वितरण में मजबूती से वृद्धि हो रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी को दर्शाते हैं ये आंकड़े
अर्थव्यस्व्था के सभी मानकों में बेहतरी आ रही है और भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के कारण गहराई मंदी से से तेजी से बाहर निकल रही है।