प्रशासनिक ढाँचे को नए भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप आकार देगा मिशन कर्मयोगी
मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम भारतीय प्रशासनिक महकमे को भविष्य की चुनौतियों के साथ-साथ नवीन संभावनाओं के संधान के लिए भी तैयार करने वाला हैI
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी : सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक सुधार लाने वाला कदम
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन का निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिए गए अनेक विकास संबंधी निर्णयों की ही एक कड़ी है, जिससे बिना भेदभाव के शहरी व ग्रामीण युवाओं को रोजगार पाने के सुगम अवसर उपलब्ध होंगे।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की कवायद
2018-19 में भारत ने 80,000 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया जिसमें से 10,745 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया गया।
राम मंदिर हमें भान कराता रहेगा कि सत्य को कितना भी दबाया जाए, वो असत्य को मिटा ही देता है
राम देश के राष्ट्र पुरुष हैं। जाहिर है उनका मंदिर राष्ट्र मंदिर होगा जो देश में समरसता, आस्था, मर्यादा का भाव जागृत करता रहेगा।
रामजन्मभूमि आंदोलन : सेक्युलरिज्म के छद्म आवरण के खिलाफ प्रतिवाद का प्रथम स्वर
सेक्युलरिज्म के ‘छद्म’ आवरण के खिलाफ प्रतिवाद के पहले और मुखर स्वर के रूप में अगर किसी आंदोलन का महत्व दिखता है‚ तो वह राम जन्मभूमि आंदोलन है।
‘यह युग प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है’
5 अगस्त, 2020 को भूमिपूजन/शिलान्यास न केवल मंदिर का है, वरन एक नए युग का भी है। यह नया युग प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है।
राजस्थान : कांग्रेस की आपसी कलह का भांडा भाजपा के सिर क्यों फोड़ा जा रहा ?
कांग्रेस की इस स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस ही ज़िम्मेदार है, तिसपर पार्टी के बहुत से लोगों को अब भी गाँधी परिवार के परे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।
‘आपातकाल के विरोध में उठा हर स्वर वंदन का अधिकारी है’
आपातकाल के दौरान मैं बक्सर व आरा की जेल में बंद रहा था। वो संघर्ष और यातना का दौर था। उस समय मेरे जैसे लाखों युवा देश की विभिन्न जेलों में बंद थे।
अब जल शक्ति घर लौटे कामगारों का बनेगा आधार
इससे राज्यों की पेय जल की समस्या का हल भी निकाला जा सकेगा, साथ ही घर वापस गए कामगारों को रोजगार भी दिया जा सकेगा।
कोरोना संकट : ममता की नफरत की राजनीति में पिसता बंगाल
ममता ने केंद्र के प्रति अपनी नफरत की राजनीति को ऐसे संवेदनशील दौर में भी भुनाना जारी रखा है और इसका सबसे अधिक नुकसान बंगाल की जनता का ही हो रहा है।