पी. परमेश्वरन का जीवन-संदेश हमारी स्मृतियों में सदैव अमर रहेगा
समाज को संगठित, शक्तिशाली, अनुशासित और स्वावलम्बी करने के कार्य में जिन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण समर्पित कर दिया, ऐसे कर्म योगी माननीय परमेश्वरन जी अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन कभी आराम ना मांगने वाले, विश्राम ना मांगने वाले, ‘चरैवेति चरैवेति’ ऐतरेय उपनिषद का यह मंत्र अपने जीवन में एकात्म करने वाले परमेश्वरन जी हमारी