भगवा पर प्रियंका गांधी के बेमतलब बोल
नागरिकता कानून की सियासत में भगवा रंग का उल्लेख अनुचित ही नहीं, अटपटा भी है। वैसे भी धर्म-संस्कृति पर सतही तौर पर बोलने से बचना चाहिए। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, उनका विरोध सहज है। लेकिन सियासी मंसूबे के लिए भगवा पर बोलना उतना ही अनुचित है। कांग्रेस ने कुछ वर्ष पहले भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा था। ऐसा कहने वाले नेताओं को फजीहत
वैचारिक प्रतिबद्धताओं को अमल में लाती मोदी सरकार
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद किसी एक व्यक्ति पर केन्द्रित रही है, तो वह गृह मंत्री अमित शाह हैं। एनआईए संशोधन बिल से लेकर अनुच्छेद 370 हटाने तक का ऐतिहासिक निर्णय हो, गृहमंत्री ने अपने भाषण और अपनी कार्यशैली से अपने आलोचकों को भी प्रभावित किया है। संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने के ठीक पहले नागरिकता संशोधन विधेयक सदन में पारित हो गया।
‘नागरिकता संशोधन विधेयक पर तथ्यों से हीन विपक्ष केवल हिन्दूफोबिया फैला रहा है’
भारत में आज एक वर्ग ऐसा है जो सवाल उठा रहा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता क्यों दी जा रही है। सवाल है कि क्या इससे मुसलमानों को खतरा पैदा होगा? क्या भारत हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा? जवाब एक ही है – नहीं। नागरिकता संशोधन विधेयक एक ऐसा विषय है जिसको लेकर भ्रांतियां ज्यादा फैलाई गई हैं। विपक्ष इसको एक ऐसे मुद्दे के तौर पर पेश करना चाह रहा था कि यह देश के मुसलमानों के विरुद्ध है और वे इसके खिलाफ हैं
ये आंकड़े बताते हैं कि क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन विधेयक?
तीन तलाक पर क़ानून बनाकर, कश्मीर से धारा 370 हटाकर, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा से पारित कराकर मोदी सरकार ने अपनी नीतियां बिलकुल साफ़ कर दी हैं। इस सरकार की खासियत ही कही जाएगी कि एक के बाद एक महत्वपूर्ण और युगांतरकारी परिवर्तन की नींव रखने में कामयाब हो रही है।
‘महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों का असली चेहरा सामने ला दिया’
महाराष्ट्र के घटनाक्रम को समझने से पहले आपको चुनाव के पहले के घटनाक्रम को देखना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए गठबंधन के तहत बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिव सेना को 54 सीटें हासिल हुईं।
राजनीतिक जमीन खोती जा रही बहुजन समाज पार्टी
समय बहुत बलवान होता है इस कहावत बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से अधिक कोई नहीं समझ सकता। जिस बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन के लिए कभी राष्ट्रीय दल लाइन लगाए रहते थे वही बसपा अब अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है। उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा उप चुनाव में मिली करारी शिकस्त ने बसपा प्रमुख मायावती की नींद उड़ा दी है। उन्हें डर लगा
‘अदालत के फैसले ने बता दिया कि अब इतिहास से आगे बढ़ भविष्य के निर्माण का समय है’
भगवान श्रीराम देश के अधिसंख्य लोगों के दिलों में वास करते हैं, इसके लिए किसी प्रमाण की ज़रुरत नहीं थी, लेकिन प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या ही है, इस बात को प्रमाणित करने में 70 साल लग गए। इस फैसले की सबसे खूबसूरत बात यह रही कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में बने बेंच में सभी पांच जजों ने सर्व सम्मति से फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी
एग्जिट पोल में महाराष्ट्र-हरियाणा में फिर भाजपा सरकार, विपक्ष की हालत पस्त
सबसे पहले ये बता देना ज़रूरी है कि एग्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, नतीजों के रुझान भर होते हैं। इसी लिहाज़ से हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों को भी देखा जाना चाहिए, जहाँ विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनाव में विपक्ष की हालत लचर ही दिख रही है। अभी तक जितने भी एग्जिट पोल्स आये हैं, उनका इशारा साफ़ है कि विपक्ष का प्रदर्शन पहले के मुकाबले और ज्यादा गिरा है।
वो पांच बातें जो बताती हैं कि नरेंद्र मोदी क्यों हैं देश के सबसे लोकप्रिय नेता
आज देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। मोदी के प्रधानमंत्रित्व ने चार वर्षों से अधिक का समय पूरा कर लिया है और अब अगले लोकसभा चुनाव की दुन्दुभी भी सुनाई देने लगी है। एक कार्यकाल पूरा करने के बाद प्रायः नेताओं की लोकप्रियता में कमोबेश गिरावट आ ही जाती है, लेकिन नरेंद्र मोदी इस मामले में अबतक अपवाद साबित होते नजर आ रहे हैं।
बंगाल : संघ कार्यकर्ता बंधु प्रकाश की सपरिवार हत्या से उपजते सवाल
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से एक दुखद और आक्रोश पैदा करने वाली खबर सामने आई। यहां आरएसएस के कार्यकर्ता बंधु प्रकाश पाल, उनकी पत्नी और 8 वर्षीय बेटे आनंद की जघन्य हत्या कर दी गई। हत्यारों के इस वहशियाना कृत्य की यह पराकाष्ठा था कि प्रकाश की पत्नी गर्भवती थी, यानी गर्भस्थ शिशु ने संसार में आन से पहले ही दम तोड़ दिया। उक्त तीनों लोगों की हत्या भी धारदार हथियार से की गई, ऐसे में पूरा अनुमान बैठता है कि हत्यारे किसी तय साजिश के तहत वारदात करने