मोदी सरकार के मजबूत नेतृत्व का असर, जी-२० में पहली पंक्ति में मिली भारत को जगह!
यह संयोग ही है कि चौदह साल बाद दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री को ग्रुप-२० समिट में पहली कतार में खड़ा होने का अवसर मिला है। इसके पूर्व वर्ष २००२ में जब ग्रुप-२० समिट का आयोजन भारत में किया गया था, तो मेहमान देश होने के नाते भारत के प्रधानमंत्री पहली पंक्ति में खड़े हुए थे। यह संयोग ही है कि तब भी देश में भाजपा-नीत राजग की सरकार थी और आज चौदह साल बाद जब विदेशी जमीन पर किसी
चीनी आक्रामकता का कूटनीतिक जवाब है पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा दोनों देशों की रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को नया मुकाम देने की दिशा में एक बहुआयामी पहल है। इस यात्रा से जहां दोनों देशों के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में मदद मिलेगी, वहीं कूटनीतिक तौर पर चीन की बढ़ती आक्रामकता पर लगाम कसने में भी यह यात्रा सहायक सिद्ध होगी। बदलते वैश्विक परिदृश्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा जितना
मोदी सरकार के मजबूत नेतृत्व में चीन को पछाड़ सफलता की नई इबारत लिखेगा भारत!
चीन ने जिस तरह से, अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा का अपमानजनक स्वागत किया है उससे एक बात साफ़ है कि चीन आगे के समय में अमेरिका
पाकिस्तान हुआ हलकान, अब सिंध मांगे सिंधुस्थान!
भारत के एक दाँव ने पाकिस्तान को चित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिलगित, बलूचिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर का मामला दुनिया के सामने लाकर न केवल पाकिस्तान को आईना दिखाया है, बल्कि पाकिस्तान के अत्याचार से पीडि़त जनमानस को साहस भी दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा भारत का पुनर्निर्माण
भावी भारत के निर्माण और प्राचीन भारत के मूल स्वरुप की जब बात आती है तो यह बहस शुरू हो जाती है कि आखिर ‘भारत’ है क्या ? क्या यह महज संविधान शासित लोकतांत्रिक राज्य वाला एक भू-भाग मात्र है अथवा इससे आगे भी इसकी कोई पहचान है ? इस बहस के सन्दर्भ में अगर समझने की कोशिश की जाय तो भारत कोई 1947 में पैदा हुआ देश नहीं है।
शहीदों के राष्ट्र-निर्माण के स्वप्न को पूर्ण करने में ही है आज़ादी की सार्थकता!
भारत आज अपनी आजादी की 70 वीं सालगिरह मना रहा है। लाल किले पर तिरंगा फहर चुका है । सन् 1947 को आज ही के दिन भारत ने लगभग 200 वर्षों की अंग्रेजी दासता के बंधनों को तोड़ कर आजादी का प्रथम सूर्योदय देखा था। आजादी के इस आंदोलन में कितनी शहादतें हुई, ये अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है। देश के हर गांव के ही आस-पास ऐसी कई कहानियां होगी, जिनसे हम आज भी अनजान हैं।
वहाबी कट्टरपंथ को नकारें भारतीय मुसलमान
विभाजन के बाद देश ने कई विभीषिकाओं को झेला, हजारों आपदाओं को सहन किया। फिर…
राष्ट्र-प्रथम: अगर जापान पर बुद्ध ने भी आक्रमण कर दिया तो राष्ट्रहित में युद्ध को तैयार हैं जापानी बच्चे!
स्विट्जरलैंड की 77 प्रतिशत आबादी ने सरकार द्वारा प्रस्तावित भारी-भरकम राशि (लगभग 1,75000 वयस्कों तथा 45000 अवयस्कों के लिए) लेने से मना कर दिया! अमेरिका ने अपनी मानवाधिकारवादी एवं लोकतांत्रिक छवि को दाँव पर लगा 9/11 की घटना को अंजाम देने वाले समुदाय के लिए कठोर जाँच-प्रक्रिया की पद्धत्ति अपनाई और वहाँ के नागरिकों ने इसके विरुद्ध कोई ह-हल्ला नहीं हुआ।
जाकिर नाइक के चैनल के नक्शे में ‘काश्मीर’ नहीं है भारत का हिस्सा!
बांग्लादेश में हुए हमले के बाद किसको फायदा और किसको नुकसान हुआ इसका विश्लेषण तो होता ही रहेगा, लेकिन भारत में इसका फायदा यह हुआ कि इस्लाम मज़हब के प्रचारक ज़ाकिर नाइक को ले कर भारतीयों की नींद अब टूटी है और उनके क्रिया-कलापो की विवेचना शुरू हो गयी है।