सरकार के प्रयासों से बेरोजगारी के चंगुल से मुक्त होता भारत
भारत में अब पुनः बड़ी मात्रा में उद्यमों को स्थापित किया जा रहा है, जिससे भारतीय नागरिक अब धीरे-धीरे नौकरी मांगने वाले से नौकरी देने वाले बनते जा रहे हैं।
मोदी सरकार द्वारा मोटे अनाजों को प्रोत्साहन से होगा किसानों का भला
हरित क्रांति के दौर में जो मोटे अनाज गरीबों की थाली तक सिमट कर रह गए थे, आज वही मोटे अनाज विदेशी मेहमानों को सोने-चांदी की थाली में परोसे जा रहे हैं।
वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बढ़ती भारत की भागीदारी
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ाने का प्रमुख कारण यह है कि पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में विकास के अनेक नए आयाम स्थापित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर
भारतीय सनातन संस्कृति का पालन करते हुए भारत के आर्थिक विकास को देखकर अब विकसित देश भी भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं..
आयकर रिटर्न में लगातार वृद्धि दर्शाती है कि विकसित देश बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहा भारत
निर्धारण वर्ष 2023 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या निर्धारण वर्ष 2022 की तुलना में 7.3 करोड़ से बढ़कर 7.8 करोड़ हो गई है।
मजबूत होते भारतीय अर्थव्यवस्था के मानक
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले अनेक कारक होते हैं। हाल में, भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले ऐसे कई मानकों में बेहतरी आई है।
शांति और विकास की राह पर जम्मू-कश्मीर
जो जम्मू-कश्मीर पहले आतंकियों की हिंसा और मनमानी का गढ़ हुआ करता था, वहाँ अब शांति और विकास की संभावनाएं साकार हो रही हैं।
विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में केवल भारत ही एक चमकते सितारे के रूप में दिखाई दे रहा है!
विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूरोपीयन यूनियन आदि द्वारा लगातार यह कहा जा रहा है कि पूरे विश्व में इस समय सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में केवल भारत…
मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का दिख रहा असर, गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर भारत का शानदार प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार, भारत समेत दुनिया के 25 देशों ने विगत 15 वर्षों में सफलता के साथ अपने वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) मूल्य को आधा किया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने सृजित किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए कुल ऋणों में लगभग 40 प्रतिशत उद्यमी ऐसे हैं जिन्होंने प्रथम बार कोई उद्यम प्रारम्भ किया है।