ये आंकड़े बताते हैं कि गरीबों तक बैंक पहुँचाने में कामयाब रही मोदी सरकार !
सैद्धांतिक रूप से ही भले ही बैंकों को गरीबों का हितैषी कहा जाता हो लेकिन व्यावहारिक धरातल पर बैंकों का ढांचा अमीरों के अनुकूल और गरीबों के प्रतिकूल रहा है। देश में गरीबी की व्यापकता एवं उद्यमशीलता के माहौल में कमी की एक बड़ी वजह यह भी है। 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद यह उम्मीद बंधी थी कि अब बैंकों की चौखट तक गरीबों की पहुंच बढ़ेगी लेकिन वक्त के साथ यह उम्मीद धूमिल पड़ती गई।
अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में आया सामने, मोदी सरकार है दुनिया की सबसे भरोसेमंद सरकार
हाल ही में फोर्ब्स पत्रिका में छपे ओईसीडी के सर्वे में यह सामने आया है कि मोदी सरकार पर देश के 73 प्रतिशत लोग विश्वास करते हैं। अपने देश के लोगों में सर्वाधिक विश्वास कायम करने वाले दुनिया के शीर्ष तीन देशों में मोदी सरकार शुमार है। ‘गवर्नमेंट एट ग्लांस 2017’ नाम की इस सर्वे रिपोर्ट में कुल 15 देशों को जगह मिली। इस रिपोर्ट में सबसे नीचे ग्रीस (13%) और सबसे ऊपर भारत (73%) है।
सातवें वेतन आयोग का मुद्रास्फीति पर नहीं पड़ेगा कोई नकारात्मक प्रभाव
आज समग्र सीपीआई में ग्रामीण सीपीआई की हिस्सेदारी 53.5% है, जिसमें आवास क्षेत्र का अंश शामिल नहीं है। लिहाजा, केंद्रीय कर्मचारियों के एचआरए में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात कहना बेमानी है। इसका मुद्रास्फीति पर अप्रत्यक्ष प्रभाव भी न्यून पड़ेगा,
कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों के कारण अंधेरे में डूबे गांवों को रोशन करने में जुटी मोदी सरकार
आजादी के बाद बिजलीघर भले ही गांवों में लगे हों लेकिन इन बिजलीघरों की चारदीवारी के आगे अंधेरा ही छाया रहा है। दूसरी ओर यहां से निकलने वाले खंभों व तारों के जाल से शहरों का अंधेरा दूर हुआ। आजादी के समय देश में केवल 1,362 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था, लेकिन बीते 70 वर्षों के दौरान यह आंकड़ा 3,29,205 मेगावाट के स्तर पर पहुंच गया है। इसे शानदार नहीं, तो संतोषजनक उपलब्धि जरूर कहेंगे
सरल भाषा में जानिये कि जीएसटी से कैसे कम होगी महंगाई और होंगे क्या-क्या फायदे !
जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही कर में समाहित हो जायेंगे। इसके तहत अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से उत्पादों के दाम घटेंगे। कम टैक्स होने से मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी। साथ ही, सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी कम होगी। स्पष्ट है, इससे आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
युवाओं के कौशल से भारत बनेगा दुनिया की आर्थिक महाशक्ति
किसी भी राष्ट्र में संसाधनों का जितना वैविध्य व आधिक्य होगा, वह राष्ट्र उतना ही समृद्ध होगा। बात जब संसाधनों की हो तो प्रायः भौगोलिक संसाधनों की ओर तेजी से रूख किआ जाता है परन्तु यह सर्वविदित है कि मानव संसाधन का अलग औचित्य व महत्ता है। मानव संसाधन किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सौर ऊर्जा के ज़रिये हर घर बिजली पहुँचाने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही मोदी सरकार
आजादी के 70 साल होने को हैं, लेकिन ये आजादी के बाद लम्बे समय तक शासन में रहीं कांग्रेसी सरकारों की नाकामी ही है कि आज भी करोड़ों लोगों की जिंदगी सूरज की रोशनी में ही चहलकदमी करती है। इनके लिए रात में लालटेन व दीये की टिमटिमाती रोशनी ही सहारा है। लेकिन अब यह अतीत की बात होने वाली है, क्योंकि मोदी सरकार जिस रफ्तार से सौर ऊर्जा के जरिए अंधेरा मिटाने में जुटी है, उससे हर घर चौबीसों
सेना के साथ-साथ सरकार को भी जाता है सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय
सीज फायर का उल्लंघन तो मानो पाकिस्तान का दैनंदिनी कार्य हो गया है। जब संयुक्त राष्ट्र में झूठे आंसू बहाकर और सरहद पर भारतीय सेना के जवानों को हमेशा की तरह पीठ पीछे आकर कायराना तरीके से मारकर भी पाक की नापाकियत कम नहीं पड़ती तो वह जब तक संघर्ष विराम का उल्लंघन करके अपनी मौजूदगी जताने की कोशिश करता है। जब यह सब होता रहा तब समय-समय पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
विकास की राजनीति के तीन साल
भाजपा नीत मोदी सरकार के तीन सालों के शासन के बाद आज देश में जो राजनीतिक माहौल नज़र आ रहा उसका स्पष्ट संकेत यही है कि अगर फिर से आम चुनाव कराया जाये तो आसानी से भाजपा दोबारा सत्ता में आ जायेगी। ऐसे में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि आखिर कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पूरे देश में कायम है।
मोदी सरकार के तीन साल बीतने के बाद कहाँ खड़ा है विपक्ष ?
केंद्र में नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं। सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में सब जगह चर्चा हो रही है, लेकिन स्वस्थ लोकतंत्र में बगैर विपक्ष के बारे में बात किए कोई चर्चा पूरी नहीं होती है। आज जब सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं और प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है, तब विपक्ष के बारे में, उसकी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में विचार करना और जरूरी