मोदी

कांग्रेस शासित कर्नाटक में हुई हत्या के लिए किस मुँह से भाजपा पर इल्जाम लगा रहे, राहुल गांधी!

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। यहां कानून व्यवस्था बनाये रखना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या होना निस्संदेह दुखद और निंदनीय है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह यथाशीघ्र दोषियो को गिरफ्तार करके उन्हें कठोर सजा दिलवाए। यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सच्चाई को सामने लाये। प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि अभी वह घटना की

मोदी सरकार की सफल विदेशनीति का उदाहरण है डोकलाम से चीन का पलायन

आखिरकार भारत और चीन के बीच डोकलाम से सेना पीछे करने पर सहमति बन गयी। भारत ने बातचीत के जरिये डोकलाम मुद्दे को सुलझाने का प्रस्ताव रखा था, जबकि चीन इसके लिए तैयार नहीं था। भारत ने भी अपनी सेना पीछे हटाने से साफ़ इन्कार कर दिया था। चीन को भारत की सेना और सरकार के निश्चय के आगे आख़िरकार झुकना ही पड़ा।

डोकलाम में भारत ने कायदे से चीन को उसकी औकात दिखा दी है !

भारत ने इस बार कायदे से चीन को समझा दिया कि हमें 1962 वाला कमजोर और निरीह देश मत समझना। अगर जंग की तो इतनी मार खाओगे कि पानी नहीं मिलेगा। भारत के आत्मविश्वास के आगे धूर्त चीन पस्त हो गया। उसने अपने कदम वापस खींच कर समझदारी दिखाई। दोनों पड़ोसियों के ताजा विवाद ने कुछ बिन्दुओं को साफ कर दिया। जैसे कि चीन घनघोर विस्तारवादी देश है। विश्व समुदाय को चीन की इस हरकत

डोकलाम में चीन के पीछे हटने के क्या हैं कारण ?

पिछले दो महीने से ज्यादा समय से जारी डोकलाम विवाद से पैदा हुआ गतिरोध आखिरकार अब खत्म हो रहा है। भारत और चीन दोनों डोकलाम के आस-पास के क्षेत्र से सेना हटाने को तैयार हो गए हैं कूटनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारत सरकार के लिए यह काफी बड़ी जीत है, क्योकि चीन जैसे देश ने हमारे कूटनीतिक दावों को स्वीकार करते हुए अपनी सेना हटाने का निर्णय लिया है ।

अमेरिका की नयी अफगानिस्तान नीति से पाकिस्तान बाहर, भारत को होगा लाभ

‘मदरशिप ऑफ़ टेररिज्म’ यानी आतंकवाद पैदा करने वाले देश का दर्जा पिछले ही साल अक्टूबर के ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दिया था। अब धीरे-धीरे दुनिया के महाशक्ति देश भी भारत की बात के समर्थन में उतरने खड़े होने लगे हैं। बीते 21 अगस्त को अमेरिका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने भाषण में पाकिस्तान को आतंक फैलाने वाला देश कह दिया। ट्रम्प ने तीन बार अपने भाषण में

राष्ट्र-गौरव की भावना, भारतीय संस्कृति और युवाओं के दम पर विश्व शक्ति बनेगा भारत !

भारत आज़ादी के 71वें वर्ष का जश्न मना रहा है। मेहनत, हिम्मत, संकल्प, जिद और लाखों लोगों के बलिदान के बाद हमारे शहीदों ने एक स्वतंत्र हिंदुस्तान का सपना साकार किया, लेकिन आज़ादी के साथ ही हमें देश के विभाजन का भी दंश झेलना पड़ा। विभाजन के समय 20 लाख से ज्यादा लोग मारे गए। विभाजन के दौरान और बाद में 72 लाख हिन्दुओं और सिखों को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा वहीं इतनी ही मुसलमानों की

मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता, अब अमेरिका ने भी माना पाक को आतंकी देश

भारत लंबे समय से पाक परस्त आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वैश्विक मंच से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते रहे हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य वैश्विक मंचों के माध्यम से इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि पाक जैसे देश जो विश्व शांति के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, उन्हें आतंकी देश की सूची में शामिल किया जाए। भारत की इस मुहीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

इजरायल से हुए कृषि विकास समझौते से भारतीय कृषि बनेगी मुनाफे का सौदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान इजरायल से अन्य क्षेत्रों के साथ जल प्रबंधन और कृषि विकास सहयोग समझौता किया गया है। इस समझौते के बाद यह उम्मीद बंधी है कि अब इजरायल की कृषि तकनीक का भारत को भी लाभ मिल सकेगा, जिससे भारतीय कृषि के भी फायदे का सौदा बनने के रास्ते खुलेंगे।

नेहरूवादी मुस्लिपरस्ती के कारण कांग्रेस ने इजरायल से रखी दूरी, राष्ट्रीय हितों को किया अनदेखा

नेहरू-गांधी खानदान ने मुस्‍लिम वोटों के लिए हिंदू हितों की बलि ही नहीं चढ़ाई बल्‍कि ऐसी विदेश नीति भी अपनाई जिससे राष्‍ट्रीय हित तार-तार होते गए। इसे भारत की मध्‍य-पूर्व नीति से समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के रूप में नेहरू ने पश्‍चिम एशिया के संबंध में भारतीय विदेश नीति में तय कर दिया था कि फिलीस्‍तीन से दोस्‍ती इजरायल से दूरी के रूप में दिखनी चाहिए। नेहरू की इस आत्‍मघाती नीति को

जानिये, प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे का क्या है हासिल ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित इजरायल यात्रा आखिरकार सफलतापूर्वक संपन्‍न हो गई। यह वास्‍तविक अर्थों में बहुप्रतीक्षित और महत्‍वपूर्ण थी। मोदी ने दिलों को भी जीता और कूटनीति को भी बनाए रखा। आजादी के बाद से आज तक एक भी भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल नहीं गया था, पीएम मोदी यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। उनकी यात्रा के लिए इजरायल पूरी तरह से तैयार था