रक्षा क्षेत्र में बढ़ते उत्पादन के साथ आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर भारत
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, भारत में वर्ष 2022-23 के दौरान रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पादों का उत्पादन 1.07 लाख करोड़ रुपये का रहा है।
अटल सुरंग : विश्व की इस सबसे बड़ी सुरंग का महत्व भी बहुत बड़ा है
बीते रोज दुनिया की सबसे बड़ी ‘अटल सुरंग’ को प्रधानमंत्री मोदी ने देश को समर्पित कर दिया। इसका सपना अटल जी ने देखा था, इसलिए इसको उन्हीका नाम दिया गया है।
राफेल के जरिये भारत-फ़्रांस का संयुक्त सामरिक संदेश
पिछले दिनों राफेल लड़ाकू विमान विधिवत भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए। कोई अन्य अवसर होता तो शायद इसका सन्देश इतना व्यापक नहीं होता।
जवानों और किसानों को मजबूती देते हुए आत्मनिर्भर भारत की राह पर बढ़ रही मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू से ही लाल बहादुर शास्त्री जी के ‘जय जवान जय किसान’ के नारे को चरितार्थ करने का संकल्प लिया हुआ है।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की कवायद
2018-19 में भारत ने 80,000 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया जिसमें से 10,745 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया गया।
लाल जी टंडन : राजनीति में सक्रिय लोगों को उनकी वैचारिक निष्ठा प्रेरणा देती रहेगी
लाल जी टंडन जैसे नेता कम ही होते हैं। उनका जीवन राजनीति में वैचारिक निष्ठा के प्रति समर्पित लोगों के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगा।
राफेल के शस्त्र पूजन का विरोध कांग्रेस की अभारतीय वैचारिकता का ही सूचक है
भारत में विजयदशमी पर शस्त्र-पूजन की प्राचीन परम्परा रही है, अतः फ़्रांस में ही राजनाथ सिंह ने सिन्दूर से ओम बनाकर तथा नारीयल-कलावा आदि चढ़ाकर राफेल का शस्त्र-पूजन किया। साथ ही पहियों के नीचे नींबू रखा गया। ये सब भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के व्यवहार थे, जिनका अबकी पहली बार विदेशी धरती पर भी निर्वहन करके रक्षा मंत्री ने देश का सीना चौड़ा किया है।
‘राजनीति के महानायक और देश के सर्वमान्य नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी’
अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय विपक्ष में बिता। इस रूप में उन्होंने मर्यादा का नया अध्याय कायम किया। यह बताया कि सत्ता पक्ष का जोरदार विरोध भी मर्यादा की सीमा में रहते हुए किया जा सकता है। वह दो वर्ष विदेश मंत्री और छह वर्ष प्रधानमंत्री रहे। इस रूप में उन्होंने सत्ता को देशहित का माध्यम बनाया। विदेशमंत्री के रूप में मजबूत विदेश
उचित है कश्मीरी पत्थरबाजों के प्रति सेना और सरकार का कठोर रुख
कश्मीर में आतंकियों पर कारवाई या मुठभेड़ के दौरान कश्मीर के स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी का सिलसिला जो कुछ समय से बंद था, अब फिर शुरू होता दिख रहा है। अभी हाल ही में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों पर पत्थरबाजों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। परिणाम यह हुआ कि एक आतंकी तो मारा गया, मगर पत्थरबाजी में सेना के काफी जवान घायल हो गए। इस घटना के बाद
उड़ी हमले पर मोदी सरकार का सख्त रुख, दोषियों के खिलाफ उठाए जाएंगे कड़े कदम!
उड़ी में सैनिक छावनी पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश शोकसंतप्त एवं सन्न है। पूरे देश की भावना, संवेदना, सहानुभूति और एकात्मता सैनिको और उनके परिवारो से जुड़ी हुई है, इसलिए इस हमले को पूरे देश पर हुए हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। पिछले 30 वर्षो से पाकिस्तान इसी तरह का छद्म युद्ध लड़ता आ रहा है, जिसमें हमारी सेनाओ को केवल जवाबी कार्यवाही की अनुमति प्राप्त है। हमला कब और