तीन तलाक बिल : ये देश कट्टरपंथियों के फतवों से नहीं, संविधान से चलेगा!
भारत की संसद का देश की सर्वोच्च विधायिक संस्था होने के नाते देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में अपना एक महत्व है, हमारी संसद की आवाज़ पूरे देश की आवाज़ है। एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य में संसद देश की संप्रभुता का प्रतीक है, ये कभी भी किसी बाहरी या आंतरिक दबाव के आगे नहीं झुकती, पर ये विडम्बना ही है कि कांग्रेसी सरकार की वोट बैंक की राजनीती ने कल्याणकारी राज्य की सबसे बड़ी विधायिक संस्था को एक
बस कहने भर के लिए राष्ट्रीय पार्टी रह गयी है कांग्रेस !
कांग्रेस अब सिर्फ कहने को देश की एक राष्ट्रीय पार्टी रह गई है। वास्तव में तो वह एक ऐसे कालखंड में प्रवेश कर चुकी है, जहाँ वह अब सिर्फ छह राज्यों – कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मिजोरम, मेघालय में अपने बूते पर और बिहार में जूनियर पार्टनर के तौर पर सत्ता में मौजूद है। वहीं मोदी और अमित शाह की जोड़ी का कमाल ऐसा है कि
मुलायम सिंह यादव ने छिपा लिया था राजीव गांधी का बोफोर्स घोटाला!
बोफोर्स घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। देश के पूर्व रक्षामंत्री…