राम मंदिर से देश के समावेशी विकास को भी मिलेगा बल
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से अयोध्या और प्रदेश के विकास के साथ-साथ देश के समावेशी विकास को बल मिलना लाजिमी है। अयोध्या में आधारभूत संरचना विकसित होगी, बुनियादी सुविधाएँ जैसे, बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, अस्तपताल का लाभ वहाँ के रहवासियों को मिलेगा, रोजगार सृजन होगा, निर्माण व विनिर्माण, पर्यटन, सेवा, होटल व रेस्तरां, परिवहन, हवाई
विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या
अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है।
योगी राज में सांस्कृतिक उत्थान और आर्थिक विकास को साथ लेकर चल रहा यूपी
इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन तथा राम मंदिर का युद्धस्तर पर निर्माण यही दर्शाते हैं कि योगी सरकार सांस्कृतिक उत्थान और आर्थिक विकास को साथ लेकर चल रही है।
काशी तमिल संगमम : विश्वेश्वर और रामेश्वर का ये मिलन सृजन और भावनात्मक संबंधों के नए द्वार खोलेगा!
काशी तमिल संगमम कोई सहज उत्पन्न हुआ विचार मात्र नहीं है। ये सम्बन्ध इतना विस्तृत और प्राचीन है कि यदि आप काशी और तमिलनाडु के संबंधों को खोजने बैठेंगे तो एक विस्तृत ग्रन्थ तैयार हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : अनुभव एवं संघर्षों की आँच में तपकर निखरे-चमके लोकप्रिय राजनेता
जब प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि राजनीति उनके लिए सत्ता व सुविधा की मंजिल नहीं, सेवा का माध्यम रही है तो उनका यह वक्तव्य अतिरेकी या अविश्वसनीय नहीं लगता।
सांस्कृतिक अस्मिता को राजनीति के केंद्र में स्थापित करने वाले जननेता थे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह का देहावसान राजनीति के एक युग का अंत व अवसान है। वे भारतीय राजनीति के शिखर-पुरुष के रूप में सदैव याद किए जाएंगे।
पर्यटन उद्योग : सांस्कृतिक स्थलों के विकास से पैदा होते रोजगार के अवसर
विभिन्न पर्यटन सर्किटों को विकसित करने के पीछे भारत की जड़ें तलाशने के साथ ही देश में धार्मिक पर्यटन को पंख देने की मंशा भी काम कर रही है।
काशी सर्वप्रकाशिका : सनातन सत्य की विजय सुनिश्चित है
काशी के प्रकाश को अब भी ये समझ नहीं पा रहे, दीवार पे लिखी इबारत ये पढ़ नहीं पा रहे! मस्जिद किसी दूसरे की छिनी ज़मीन पर ज़बरदस्ती नहीं बनायी जा सकती।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लहरा रहा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का परचम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद रूपी अलख जगाने का ही नतीजा है कि भारतीय राजनीति की दिशा और दशा बदल गई।
मोदी राज में हो रहा भारत का सांस्कृतिक पुनरुत्थान
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश में प्रगति और परिवर्तन की एक अभूतपूर्व बयार चल पड़ी है। देश के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का स्वप्न भी साकार होने लगा है।