संकटकाल में भी अपनी नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आ रहा विपक्ष
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जितनी तेजी से रोज केंद्र सरकार के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध रूप से ट्वीट करते हैं, उतनी तेजी व गंभीरता उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों में बिगड़ते हालातों को सुधारने के लिए कभी नहीं दिखाई।
भारत के मामलों में अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग कर राहुल गांधी ने बचकानेपन की सभी हदें पार कर दी हैं
भाजपा सरकार कोई बलात नहीं वरन भारी बहुमत से चुनकर आई हुई सरकार है। इस चुनी हुई सरकार के विरुद्ध राहुल का एक अन्य देश से अपील करना देश के लोकतंत्र और जनमत का अपमान तो है ही, शर्मनाक भी है।
कभी गोत्र बताकर तो कभी मंदिर जाकर खिसकती जमीन बचाने की कोशिश में जुटीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो जय श्री राम के उद्घोष से नाराज हो जाती थीं, अब अपना गोत्र बताने लगी हैं।
देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव
वर्तमान परिस्थितियों में इन राज्यों के चुनाव परिणाम ना सिर्फ इन राजनैतिक दलों का भविष्य तय करेंगे बल्कि काफी हद तक देश की राजनीति का भी भविष्य तय करेंगे।
मोदी सरकार के विकासवादी एजेंडे को अहमियत देती दिख रही पश्चिम बंगाल की जनता
मोदी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से घबड़ाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार की कई जनोपयोगी योजनाओं को राज्य में लागू नहीं कर रही हैं।
विद्या भारती के विद्यालयों की तुलना पाकिस्तानी मदरसों से कर राहुल गांधी ने कांग्रेस का वैचारिक स्तर ही दिखाया है
सत्ता के लिए समाज में विभाजन की ऐसी गहरी लकीर खींचना स्वस्थ एवं दूरदर्शिता पूर्ण राजनीति नहीं है। राहुल गांधी यह सब जिस भी रणनीति के अंतर्गत कर रहे हों, पर यह रणनीति देश की छवि को दाँव पर लगाने वाली है।
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून का विरोध कांग्रेस की नीयत पर गहरे सवाल खड़े करता है
यह कानून उन अपराधियों के लिए है, जो नाम बदलकर बेटियों को बहकाते हैं और उनका मतांतरण करवाते हैं। निश्चित ही इस कानून से महिलाओं को सुरक्षा मिले।
भारत की सहज-सनातन सांस्कृतिक धारा को समझे बिना संघ को समझना कठिन
संघ ने सेवा-साधना-संघर्ष-साहस-संकल्प के बल पर यह भरोसा और सम्मान अर्जित किया है। उसके बढ़ते प्रभाव से कुढ़ने-चिढ़ने की बजाय कांग्रेस-नेतृत्व एवं संघ के तमाम विरोधियों को ईमानदार आत्ममूल्यांकन करना चाहिए
राहुल गांधी का अहंकार बची हुई कांग्रेस को भी समेट देगा!
राहुल गाँधी ने कहा कि कौन नड्डा ? अब अगर कोई पलट के पूछ दे कि कौन राहुल ? क्योंकि हर समय जिम्मेदारियों से भागने वाले राहुल गाँधी इस समय क्या हैं ?
ये छप्पन इंच के सीने की ताकत ही है, जिससे डरकर पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा किया था
दुनिया यह बात जान चुकी है कि ये छप्पन इंच के सीने की ही धमक है, जिसके कारण पाकिस्तान ने भयभीत होकर विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को सौंपा था।