पर्यटन उद्योग : सांस्कृतिक स्थलों के विकास से पैदा होते रोजगार के अवसर
विभिन्न पर्यटन सर्किटों को विकसित करने के पीछे भारत की जड़ें तलाशने के साथ ही देश में धार्मिक पर्यटन को पंख देने की मंशा भी काम कर रही है।
मोदी राज में विकास के पथ पर बढ़ता पूर्वांचल
मोदी के सांसद बनने के बाद से ही न सिर्फ वाराणसी संसदीय क्षेत्र बल्कि दशकों से पिछड़े समूचे पूर्वांचल में विकास की बयार बह रही है।
काशी महाकाल एक्सप्रेस : धार्मिक पर्यटन की दिशा में जुड़ा नया अध्याय
भारतीय रेलवे के खाते में रविवार को एक और उपलब्धि जुड़ गई। धार्मिक पर्यटन की दिशा में एक महत्वपूर्ण ट्रेन का आरंभ हुआ है जो दो प्रदेशों को आपस में जोड़ेगी। इस ट्रेन का नाम काशी-महाकाल एक्सप्रेस है। आज रविवार को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये इस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया है।
जलमार्गों के जरिए बदलेगी देश की आर्थिक तस्वीर
हमारे देश में जलपरिवहन की समृद्ध परंपरा रही है। यहां की नदियों में बड़े-बड़े जहाज चला करते थे, लेकिन आजादी के बाद इसे बढ़ावा देने की बजाय इसकी उपेक्षा की गई। नेताओं का पूरा जोर रेल व सड़क यातायात विकसित करने पर रहा, क्योंकि इसमें नेताओं-भ्रष्ट नौकरशाहों-ठेकेदारों की तिकड़ी को मलाई खाने के भरपूर मौके थे। इतना ही नहीं, सड़क और रेल
पूर्वांचल में विकास की नयी इबारत लिख रहा बनारस
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी को केंद्र बनाकर समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश और समीपवर्ती बिहार में चिकित्सा ढांचा, रेल, सड़क, पाइपलाइन, जलमार्ग का व्यवस्थित नेटवर्क बिछाया जा रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में चिकित्सा सुविधाएं बेहद पिछड़ी हुई हैं। यही कारण है कि यहां के लोगों को इलाज के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक का चक्कर लगाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से बनारस के विकास को मिली और रफ़्तार !
अपनी बनारस यात्रा के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस के विकास को सुनिश्चित करने की कोशिश की है। हालाँकि, नोट बंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली बनारस यात्रा है, लेकिन समग्र रूप से यह दसवीं यात्रा है। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने बनारस की 5 बार यात्रा की थी। सबसे पहले 7 नवंबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस गये थे। उसके बाद उन्होंने 8 नवंबर, 2014, 25 दिसंबर, 2014, 18 सितंबर,