लॉकडाउन में श्रमिकों को घर पहुंचाकर रेलवे ने साबित किया कि वाकई में वो देश की जीवनरेखा है
भारत सरकार के प्रयासों और रेलवे के सक्रियतापूर्ण और समर्पण के साथ किए गए कार्यों ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की कठिनाइयों को आसान करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
श्रमिकों के लिए भी आपदा को अवसर बनाने में जुटी सरकार
सरकार अब श्रमिकों को उनके हुनर, दक्षता और जानकारी के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया करा रही है। यह श्रमिकों के लिए आपदा में अवसर की तरह ही है।
श्रमिक हितों के लिए ‘आपदा काल’ में भी मोदी सरकार का कामकाज ‘आदर्श’ रहा है
सिर्फ विपक्ष ही नहीं, मीडिया के एक ख़ास धड़े ने भी पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांतों की कब्र खोदते हुए श्रमिकों के पलायन पर बेहद गैरजिम्मेदाराना रुख दिखाया।
गेम चेंजर साबित हो सकता है गरीब कल्याण रोजगार अभियान
इस योजना से न केवल गाँवों से शहरों की ओर हो रहे मज़दूरों के पलायन को रोका जा सकेगा बल्कि इस क़दम से ग्रामीण विकास को भी गति मिलेगी।