अंग्रेजी

हिंदी पत्रकारिता में भाषा का संकटकाल

गंभीरतापूर्वक अवलोकन करें तो वर्तमान हिंदी पत्रकारिता में भाषा को लेकर कई प्रकार की समस्याएँ नज़र आती हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या अंग्रेज़ी शब्दों के प्रति अत्यधिक आकर्षण की है।

जम्मू-कश्मीर में हिंदी, कश्मीरी और डोगरी को आधिकारिक भाषा बनाए जाने के निहितार्थ

सरकार के इस महत्‍वपूर्ण निर्णय की वजह से ना सिर्फ जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों में समानता का भाव बढ़ेगा बल्कि हिंदी के आधिकारिक भाषा बनने से देश के अन्‍य नागरिकों के साथ उपजे भेदभाव को भी मिटाने में मदद मिलेगी।

राष्ट्र की प्रगति के लिए हिंदी की सर्वस्वीकार्यता आवश्यक

गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी के पक्ष में प्रस्तुत वक्तव्य–‘भारत’ विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है मगर पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वह सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी ही है।‘– का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य नेताओं को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह कथन स्मरण रखना चाहिए कि