अपनी जड़ों से जुड़कर मानसिक दासता से मुक्त होगा भारत!
भारत अपनी जड़ों से जितना अधिक जुड़ेगा, उतना ही उसमें आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना का विकास होगा तथा मानसिक दासता से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
भारत अपनी जड़ों से जितना अधिक जुड़ेगा, उतना ही उसमें आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना का विकास होगा तथा मानसिक दासता से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।