स्मृति-शेष : सच्चे अर्थों में भारत की ऋषि परंपरा के उत्तराधिकारी थे अनिल माधव दवे
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे, देश के उन चुनिंदा राजनेताओं में थे, जिनमें एक बौद्धिक गुरूत्वाकर्षण मौजूद था। उन्हें देखने, सुनने और सुनते रहने का मन होता था। पानी पर्यावरण, नदी और राष्ट्र के भविष्य से जुड़े सवालों पर उनमें गहरी अंर्तदृष्टि मौजूद थी। उनके साथ नदी महोत्सवों, विश्व हिंदी सम्मेलन-भोपाल, अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ-उज्जैनसहित कई आयोजनों में काम करने का मौका मिला। उनकी विलक्षणता