भ्रष्टाचार को नया आयाम देते अरविंद केजरीवाल
नई तरह की राजनीति वाले नारे अब केजरीवाल के लिए बेमानी हो गए हैं। भ्रष्ट व्यवस्था में परिवर्तन का नारा लगाने वाले आज उस व्यवस्था के पोषक बन चुके हैं।
केजरीवाल की बौखलाहट बताती है कि जांच एजेंसियों ने सही जगह चोट की है!
सवाल यह उठता है कि जब केजरीवाल खुद को इतना पाक साफ मानते हैं तो वे बार-बार मीडिया को सफाई क्यों दे रहे हैं और बौखला क्यों रहे हैं।
कश्मीरी पण्डितों की पीड़ा पर अट्टहास केजरीवाल की अमानवीय राजनीति को ही दर्शाता है
जो केजरीवाल जे एन यू में भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाने वालों का समर्थन करते है, उनसे भारत की जनता इससे अलग की अपेक्षा भी क्या कर सकती है!
सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसीकी हार-जीत नहीं, केजरीवाल की बहानेबाजी पर ‘ब्रेक’ है !
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच लम्बे समय से चल रही अधिकारों की जंग पर आज देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इससे पूर्व यह मामला उच्च न्यायालय में भी चला था, तब उच्च न्यायालय ने उपराज्यपाल को प्रमुख प्रशासनिक शक्ति माना था। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय से जरा अलग रुख लेते हुए दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के मध्य शक्ति
हर शर्मिंदगी से ऊपर उठ चुके हैं केजरीवाल !
दिल्ली को राहत मिली कि उसके मुख्यमंत्री नौ दिन के वातानुकूलित धरने के बाद सकुशल वापस आ गए। इतिहास में जिस प्रकार राजा जंग या शिकार के लिए जाया करते थे, वैसे ही अरविंद केजरीवाल धरने पर चले जाते हैं। उनके साथ धरने पर बैठे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और मंत्री सत्येद्र जैन अस्पताल में पहुंच गए थे। खैर, अरविंद केजरीवाल ने फजीहत होती देख