अरुण जेटली : भारतीय राजनीति के एक दूरदर्शी, सुधारवादी और सौम्य नेता का जाना
अब तक के अपने राजनीतिक जीवन में मुझे अनेक वरिष्ठ राजनेताओं से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है। मगर मुझे सर्वाधिक प्रभावित किसी ने किया है, तो वह अरुण जेटली जी थे। वर्ष 2003-04 के आसपास मुझे उत्तराखंड भाजपा में प्रदेश सह-मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी मिली थी।
भारतीय राजनीति में सबके लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे अरुण जेटली
देश की राजनीति में अगस्त, 2019 का महीना भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी गहरे आघात-सा साबित हो रहा है। सुषमा स्वराज को गए अभी एक पखवारा ही बीता था कि लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे अरुण जेटली का भी असमय ही निधन हो गया। अरुण जेटली का निधन देश की राजनीति में एक रिक्तता पैदा करने वाला है। जेटली एक विराट व्यक्तित्व के धनी राजनेता थे।
राहुल का लगातार फजीहत के बावजूद राफेल-राफेल करना चुनावी मजबूरी के सिवा कुछ नहीं
पिछले दिनों संसद में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल रक्षा सौदों पर सरकार के पक्ष को बखूबी उजागर कर कांग्रेस के झूठ को बेनकाब कर दिया। कांग्रेस की तरफ से फैलाए गए झूठ को खरीदने और बेचने वालों को इसके बाद समझ नहीं आ रहा कि झूठ के किस सिरे को पकड़ा जाए और किस सिरे को छोड़ दिया जाए। लेकिन राहुल हैं कि राफेल पर फैलाये जा रहे असत्य से
माल्या पर भाजपा सरकार को फिजूल में घेरने से कांग्रेस के अपराध धुल नहीं जाएंगे!
अरुण जेटली पर दिए गए बयान से सनसनी फैलाने के बाद विजय माल्या ने स्पष्ट किया है कि यह तथाकथित मुलाकात संसद के गलियारे में अचानक हुई थी, लेकिन कांग्रेस इस बात से बेखबर हंगामा मचाने में लगी हुई है। विजय माल्या ने कहा कि मीडिया ने उसके बयान को गलत तरीके से पेश किया।
बजट 2018 : देश के सर्वांगीण विकास को समर्पित मोदी सरकार का साहसिक बजट !
मोदी सरकार ने वर्ष 2018 का वार्षिक और अपने कार्यकाल का अंतिम पूर्णकालीन बजट गत 1 फरवी को सदन में पेश किया। इस बजट में यूँ तो सबसे अधिक महत्व् ‘कृषि’ व् ‘स्वास्थ्य’ से जुड़े विषयों को दिया गया है, लेकिन अन्य क्षेत्रों की भी इसमें अनदेखी नहीं की गयी है। चुनाव से पूर्व सरकारों द्वारा प्रायः लोकलुभावन बजट पेश किया जाता है, लेकिन यह बजट मोदी सरकार ने लोकलुभावन घोषणाओं की बजाय दूरगामी हितों
लोकलुभावन नहीं, सर्वसमावेशी और दूरगामी लक्ष्यों पर आधारित है ये बजट !
एक फरवरी, 2018 को पेश की गई बजट में समावेशी विकास को सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है। इसमें सामाजिक मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है। देश में गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या है। गरीबों को स्वस्थ रखना सरकार के लिये हमेशा से बड़ी चुनौती रही है। इसलिये, हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिये 1200 करोड़ रूपये बजट में देने की बात कही गई है। इस क्रम में हर परिवार को 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा दिया
शहर-गाँव, अमीर-गरीब और किसान-उद्योग सबके लिए ख़ास है ये बजट !
यह मीडिया भी गज़ब की है! जो पिछले कुछ सालों से नरेन्द्र मोदी सरकार को प्रो-कॉर्पोरेट कहते नहीं थकती थी, वही आज कह रही है कि मोदी सरकार तो प्रो-फार्मर हो गई है। खैर, देश की बहुसंख्यक आबादी खेती और उससे सम्बंधित व्यवसायों से जुड़ी है, ऐसे में इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना बहुत अच्छा कदम है।
आपके पैसे डुबाने वाला नहीं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला है एफआरडीआई बिल !
भले ही फाइनेंसियल रेज़ोल्यूशन एंड डिपॉज़िट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल 2017 अभी संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है, लेकिन भ्रामक एवं तथ्यहीन खबरों की वजह से यह बिल रोज ही अखबारों की सुर्खी बन रहा है। इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश किया जाने वाला है। सरकार के दोनों सदनों में पर्याप्त बहुमत होने के कारण कयास लगाये जा रहे हैं कि यह बिल आसानी से दोनों सदनों में पारित हो
अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है जीएसटी, बेवजह है विरोध
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से पैदा हुई समस्याओं को लेकर कुछ लोग देश भर में हो-हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन इसे अतार्किक ही माना जाना चाहिये। किसी भी नये कानून, नियमावली या व्यवस्था में हमेशा संशोधन की गुंजाइश होती है। अगर ऐसे कानून या व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता है तो जरूर उसे गलत कहा जाना चाहिए, लेकिन सरकार यदि नई व्यवस्था में मौजूद कमियों को दूर करने का प्रयास कर रही है
जीएसटी से महंगाई बढ़ने के विपक्षी दावे का निकला दम, सस्ती होंगी ज्यादातर चीजें
देश एक है, तो अब कर भी एक ही चुकाना होगा। एकल टैक्स लगाने की मांग कई सालों से चल रही थी। एनडीए सरकार ने अपने तीसरे वर्षगाँठ पर जीएसटी के ज़रिये अर्थव्यवस्था में ऊष्मा भरने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी काउंसिल ने 1200 से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं के लिए 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत, टैक्स के ये चार स्लैब तय किए हैं। संघीय ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण घटना है।