भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देती डिजिटल क्रांति
भारतीय अर्थव्यवस्था, आज डिजिटल क्रांति के बलबूते ही, विश्व में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच, सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है।
चमकीली होती भारतीय अर्थव्यवस्था
कहा जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार आ रहा है। जीडीपी, निवेश, खपत और महंगाई के ताजा आंकड़े बेहद ही सकारात्मक हैं।
दो हजार के नोट को चलन से बाहर करना राष्ट्रहित में लिया गया एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय सही समय पर उठाया गया एक उचित कदम ही कहा जाएगा।
वैश्विक स्तर पर मजबूत होता रुपया
भारत सरकार की पहल से रूपये में अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार करने में काफी तेजी आई है। रुपया में अगर सिर्फ 30 देश भी कारोबार करने लगेंगे तो यह अंतरराष्ट्रीय कारोबारी मुद्रा बन जायेगा।
निजी खर्च में वृद्धि से मजबूत होती अर्थव्यवस्था
राष्ट्रीय भुगतान निगम के अनुसार, 2023 में यूपीआई लेनदेन की मात्रा में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि लेनदेन की राशि में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में बजा भारत का डंका!
भारत से भी कुछ मंत्री व निजी क्षेत्र की कम्पनियों के अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए। भारत में लागू आर्थिक नीतियों की विश्व आर्थिक मंच पर बहुत तारीफ की गई।
समावेशी विकास, युवा सशक्तिकरण और बुनियादी ढाँचे की मजबूती को साकार करने वाला बजट
बजट में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 10 लाख करोड़ का खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। इस क्रम में रेलवे के मद में 2.40 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे।
यह बजट गरीबों और मध्यमवर्ग के सपनों को पूरा करने वाला है!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 में आसन्न लोक सभा चुनाव से पूर्व इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया गया।
अर्थव्यवस्था में ऊर्जा भरते प्रवासी भारतीय
तथ्यों पर गौर करें तो आज की तारीख में प्रवासी भारतीय जितना धन भेज रहे हैं, वह भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लगभग बराबर है।
दुनिया में भले आर्थिक सुस्ती हो, मगर भारत में बरकरार रहेगी विकास की तेज गति
महंगाई और विकास की सुस्त वृद्धि दर से विकसित देशों समेत दुनिया भर के अधिकांश देश मंदी की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि भारत मजबूती से विकास की दिशा में अग्रसर है।