जाधव प्रकरण : आईसीजे में भारत की बड़ी जीत, फिर एकबार बेनकाब हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान की जेल में कैद में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले से जाधव के परिवार को बहुत बड़ा सुकून मिलेगा। आज भारत में जश्न सा माहौल है, भारत के लोग, चाहे वह किसी भी विचारधारा के हों, किसी भी भी धर्म के हों, जाधव की वापसी की राह देख रहे हैं।
आईसीजे में दलवीर भण्डारी की जीत का मतलब !
20 नवम्बर, 2017 को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी को न्यायाधीश के रूप में चुना गया। यह दूसरी बार है, जब भंडारी जी आइसीजे के न्यायाधीश के रूप में चुने गए हैं। इससे पहले वे 2012 में आइसीजे के न्यायाधीश चुने गए थे, उनका कार्यकाल 18 फरवरी को पूरा हो रहा था। आइसीजे में दलवीर भंडारी जी की जीत भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ये सिर्फ आईसीजे में जस्टिस भण्डारी की जीत नहीं, भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का उद्घोष भी है !
गत बीस नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भारत के दलवीर भण्डारी को न्यायाधीश के रूप में चुना गया। ये दूसरी बार है, जब जस्टिस भण्डारी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में चुने गए हैं। इससे पहले वे 2012 में आईसीजे के न्यायाधीश चुने गए थे, उनका कार्यकाल 18 फरवरी को पूरा हो रहा है। दरअसल आईसीजे में 15 न्यायाधीश होते हैं, जिनमें से 14 न्यायाधीशों का चयन हो चुका था। दलवीर
मोदी सरकार ने जाधव मामले में जो किया है, वो संप्रग सरकार सरबजीत मामले में क्यों नहीं कर सकी ?
भारतीय नागरिक व पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा के मामले में गुरुवार को देश-दुनिया की निगाहें अंतर्रराष्ट्रीय अदालत के फैसले पर टिकी थीं। लोग टेलीविजन से चिपके एक-एक बात को ध्यान से सुन समझ रहे थे। आखिर फैसले की घड़ी आई और थोड़ी ही देर में सब कुछ स्पष्ट हो गया। लोगों ने वही सुना जो वे सुनना चाहते थे। कोर्ट ने कुलभूषण की फांसी