मोदी सरकार की नीतियों के फलस्वरूप गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व को राह दिखाता भारत
पिछले लगभग 9 वर्षों के दौरान भारत के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जिसके चलते भारत में गरीबी तेजी से कम हुई है..
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन : मोदी सरकार बनाने जा रही रोगियों की अनूठी स्वास्थ्य कुंडली
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रत्येक नागरिक की अनूठी स्वास्थ्य कुंडली (यूनिक हेल्थ आईडी) बनाने की शुरूआत कर दी है।
मोदी की नीतियों से बदल रही स्वास्थ्य क्षेत्र की तस्वीर
2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने देश का स्वास्थ्य ढांचा सुधारने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि देश में डॉक्टरों की भारी कमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में इस समय 1953 लोगों पर एक डॉक्टर है जबकि 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। मोदी सरकार ने 2027 तक देश में 1000 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध
दवा उद्योग के मामले में देश को आत्मनिर्भर बना रही मोदी सरकार
इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां सेहत का सवाल शायद ही कभी अहम मुद्दा बनता हो। चुनाव लोक सभा के हों या विधान सभाओं के, सेहत के सवाल पर ज्यादातर राजनीतिक दल चुप्पी साधे रहते हैं। हां, इस दौरान वे मुफ्त बिजली-पानी, कर्ज माफी जैसे वोट बटोरू वायदों का पांसा फेंकने में नहीं चूकते हैं।
विपक्षी क्यों नहीं समझ रहे कि आयुष्मान भारत को ठुकराना मोदी का नहीं, जनहित का विरोध है!
किसी भी देश के विकास की एक प्रमुख कसौटी यह होती है कि वह अपने देशवासियों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में कितना सफल है। इसमें भी जो गरीब तबका है, उस तक इन सुविधाओं की पहुंच आवश्यक है, क्योंकि स्वस्थ नागरिक ही सुदृढ़ और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव रखते हैं।