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दक्षिण एशिया उपग्रह जीसैट-9 से अंतरिक्ष कूटनीति की ओर भारत ने बढ़ाए कदम

भारत ने पड़ोसी मुल्कों को एक नायाब तोहफा देते हुए दक्षिण एशिया संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया। भारत के इस कदम को दोस्ती के तोहफे के रूप में देखा जा रहा है। इससे समझौते के नये आयाम खुलेंगे। ये उपग्रह कई मायनों में खास है, क्योंकि ये दक्षिणी देशों से ना सिर्फ संचार के लिए फायदेमंद साबित होगा बल्कि प्राकृतिक आपदा जैसी सूचनाएं देने में भी सहायक होगा।

अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने