संगीन आरोपों और गिरफ़्तारी के बावजूद नवाब मलिक का इस्तीफा क्यों नहीं ले रहे उद्धव ठाकरे ?
सवाल ये है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मलिक की गिरफ्तारी के बावजूद उनसे इस्तीफा क्यों नहीं ले रहे? कहीं इन सबके पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद कोई प्रभाव तो नहीं जो उद्धव सरकार द्वारा मलिक से इस्तीफा तक नहीं मांगा जा रहा है ?
कोरोना से लड़ाई में क्यों फेल हो रहे हैं ये चार राज्य ?
महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ – इन चार राज्यों की सरकारों को केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों पर पत्र लिखना पड़ा है।
‘जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध’
जो इस मौके पर चुप हैं, समय उनके भी अपराध लिख रहा है। अगर आज अर्नब गोस्वामी पर मौन रहे तो कल आपकी और परसों हमारी बारी भी आ सकती है।
कंगना से बदला लेना छोड़ कोरोना से बेहाल महाराष्ट्र की चिंता करें उद्धव ठाकरे
जिस प्रकार से बीएमसी ने कंगना का ऑफिस तोड़ा है, वह सरकारी कार्यवाही कम और असामाजिक तत्वों की करतूत अधिक मालूम होती है।
केंद्र को नसीहत देने की बजाय महाराष्ट्र की स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट करें राहुल गांधी
केंद्र को नसीहत देने और उससे सवाल पूछने की बजाय राहुल गांधी को महाराष्ट्र जैसे राज्यों की स्थिति पर रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि सत्ता में भागीदार रहते हुए वे इनकी जवाबदेही से बच नहीं सकते।
इस संकटकाल में कानून व्यवस्था से जनहित तक हर मोर्चे पर विफल नजर आ रही उद्धव सरकार
लॉकडाउन के दौरान ही बीते एक पखवाड़े में महाराष्ट्र से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जो ये साबित करती हैं कि सरकार चलाना ठाकरे के बस की बात नहीं है। चाहे मजदूरों का पलायन हो, ब्रांदा रेलवे स्टेशन पर लॉकडाउन तोड़कर भारी भीड़ का जमा होना, उद्योगपति को घूमने जाने के लिए अनुमति मिलना हो या अब पालघर जैसी नृशंस घटना, हर मोर्चे पर ठाकरे सरकार बुरी तरह विफल हुई है।