उधारी दर निर्धारण की नयी व्यवस्था से कर्ज सस्ता करने में जुटा आरबीआई
नई व्यवस्था के तहत बैंक उधारी दर का निर्धारण खुद से नहीं कर सकेंगे। अब रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में किये जा रहे बदलाव के अनुसार बैंकों की उधारी दर में कमी या बढ़ोतरी होगी। जब रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत में कटौती की जायेगी तो स्वतः ही उधारी दर में भी कमी आ जायेगी और जब नीतिगत दर में बढ़ोतरी की जायेगी तो उधारी दर में बढ़ोतरी हो जायेगी।