मोदी राज में विकास के पथ पर बढ़ता पूर्वांचल
मोदी के सांसद बनने के बाद से ही न सिर्फ वाराणसी संसदीय क्षेत्र बल्कि दशकों से पिछड़े समूचे पूर्वांचल में विकास की बयार बह रही है।
‘मंदिर नहीं, अस्पताल’ कहने वालों के लिए ये तथ्य किसी सदमे से कम नहीं होंगे!
भाजपा सरकार ने न सिर्फ भगवान राम के भव्य मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया बल्कि स्वास्थ्य एवं रक्षा के क्षेत्र में भी अनूठे कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
जम्मू-कश्मीर में बह रही बदलाव की बयार
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्थितियों से लेकर वहाँ के शासन-प्रशासन और उनकी दैनिक कार्यशैली में बड़े बदलाव आए हैं।
मोदी की नीतियों से बदल रही स्वास्थ्य क्षेत्र की तस्वीर
2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने देश का स्वास्थ्य ढांचा सुधारने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि देश में डॉक्टरों की भारी कमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में इस समय 1953 लोगों पर एक डॉक्टर है जबकि 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। मोदी सरकार ने 2027 तक देश में 1000 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध
तमिलनाडु के विकास में जुटी मोदी सरकार
दक्षिण की सियासत पर नजर डालें तो सबसे पहले राजनीतिक मानचित्र पर तमिलनाडु का चित्र उभरकर आता है। यहाँ की राजनीति की ख़ासियत है कि अधिकतर समय यहाँ सिनेमा से सियासत में आए लोग ही सत्ता में रहें हैं। लेकिन जयललिता की मृत्यु के पश्चात् सियासी घमासान से राज्य का विकास बाधित हुआ है।
बदलेगी पूर्वांचल की तस्वीर, मोदी सरकार ने निभाया वादा
केन्द्र सरकार की विकासवादी सोच का ही नतीजा है कि विगत कई दशक से बेरोजगारी, बुनियादी सुविधाओं और राजनीतिक दुराग्रह की मार झेल रहे पूर्वांचल को वर्षों से बंद पड़े खाद कारखाना और एम्स के रूप में उम्मीदों की एक नई उपहार मिलने वाला है। इस योजना का सीधा लाभ पूर्वांचल के दस जिलों को होगा।