ओवैसी

हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत का संदेश बहुत बड़ा है

हैदराबाद की जनता ने बीजेपी को जीत दिलाकर उसके लिए तेलगू प्रदेश में रास्ता खोल दिया है। बीजेपी को मुख्य विपक्षी पार्टी बनाकर लोगों ने अपना विकल्प ढूंढ लिया है।

हिंदुत्व सह-अस्तित्ववाद की भावना पर आधारित है, यह कभी कट्टर हो ही नहीं सकता

हिंदुत्व का दर्शन ही सह-अस्तित्ववादिता पर केंद्रित है। जबकि उदार समझा जाने वाला पश्चिमी जगत प्रगति के तमाम दावों के बावजूद केवल सहिष्णुता तक पहुँच सका है।

ओवैसी के राम मंदिर विरोध के मूल में मुस्लिम लीग वाली मानसिकता ही कारण है

केंद्र में कांग्रेसी सरकारों का प्रायः समर्थन करने वाला ओवैसी का दल (एआईएमआईएम) भाजपा सरकार के प्रत्येक कार्य पर उंगली उठाता रहा है।

चिंताजनक है यूपी निकाय चुनावों में एमआइएम का राजनीतिक उभार

उत्‍तर प्रदेश स्‍थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत से यह साबित हो गया कि प्रदेश की जनता अब जातिवादी राजनीति से तौबा कर चुकी है; लेकिन इन चुनावी नतीजों ने भारतीय राष्‍ट्र-राज्‍य के लिए एक नए खतरे का भी आगाज किया है जिसका विश्‍लेषण जरूरी है। स्‍थानीय निकाय चुनाव के घोषित नतीजों में हैदराबाद की घोर सांप्रदायिक पार्टी मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्‍लिमीन (एमआइएम) ने 29 सीटों पर

दलित-मुस्लिम गठजोड़ की सियासी चाल को समझना होगा!

कुछ मुस्लिम राजनेताओं ने आजकल दलितों को मुसलमानों के साथ आने का न्योता दिया है। उनका दावा है कि वे जब मुसलमानों के साथ आ जाएंगे तो हिंदुओं की हिम्मत नहीं है कि उनका बाल भी बांका कर सकें। पर जो मुस्लिम नेता इतनी बहबूदी हांकते हुए दलितों को अपने साथ आने के लिए मनुहार कर रहे हैं, उनके अपने समाज में दलितों की क्या कद्र है, इसका नमूना भी वे जान लें तो बेहतर रहे।